नेताओं की सोसायटियों में पकड़ी थी गड़बड़ी, अब कार्रवाई पर संशय
जिले में सहकारिता के नाम पर नेताओं और उनके लोगों द्वारा की जा रही गड़बड़ियों को उजागर करने वाले सहकारिता उपायुक्त अंबरीषवैद्य का तबादला हाे चुका है। अब इन दो मामलों में अलावा दूूसरे कई मामलों की जांच और कार्रवाई पर संशय पैदा हो गया है। 10 जुलाई को उनके नाम से सिंगल ऑर्डर जारी हुआ। वैसे तबादले के पीछे राजनीतिक दबाव भी माना जा रहा है।
वैद्य ने जनवरी में मेघनगर सोसायटी के नाम पर भ्रष्टाचार करने वाले दो भाजपा नेताओं को पकड़ा था। इन पर एफआईआर भी दर्ज कराई और इनमें से एक को जेल भी जाना पड़ा था। इसके अलावा कांग्रेस के एक बड़े नेता के संरक्षण में चल रही देवझिरी सोसायटी में अवैध गतिविधियों को भी पकड़ा था। इस मामले में भी एफआईआर की तैयारी चल रही थी। ईओडब्ल्यू को दस्तावेज सौंपने की तैयारी थी।
सक्रिय अफसरों में गिनती
अंबरीष वैद्य ने कोविड-19 में भी
सक्रिय भूमिका निभाई थी। कंट्रोल रूम प्रभारी रहते हुए बाहर फंसे कई लोग उनकी मदद से अपने घर पहुंचे थे। जिले में आते ही सबसे पहले क्रेडिट सोसायटियों पर छापा मारा था। फिलहाल वो जिला सहकारी बैंक के प्रशासक भी थे। उनके कार्यकाल में बैंक 20 लाख रुपए, जिला सहकारी संघ 6 लाख और जिला थोक उपभोक्ता भंडार 8 लाख का लाभ मिला।
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