ईएसआई डिस्पेंसरी में कोरोना का खतरा
राजधानी में श्रम विभाग के अंतर्गत आने वाले ईएसआई डिस्पेंसरी के डॉक्टर कोरोना के संक्रमण के खतरे से जूझ रहे हैं। दरअसल, जाे मरीज कोरोना पॉजिटिव भी आ जाता है, वह भी उनके पास अवकाश का आवेदन लेकर पहुंच रहा है, जबकि ईएसआई डिस्पेंसरी के डॉक्टर को यह जानकारी ही नहीं है कि संबंधित व्यक्ति को क्वारेंटाइन होने के लिए कहा गया है।
ईएसआई डिस्पेंसरी प्रबंधन ने बुखार, सर्दी-जुकाम या कोरोना लक्षण वाले मरीजों के लिए एक्यूट रेस्पेरेटरी इलनेस (एआरई) क्लिनिक अलग से खोला है। डिस्पेंसरी में जो भी बुखार और सर्दी जुकाम की शिकायतों वाले मरीज आते हैं उन्हें एआरई में रैफर कर दिया जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक एआरई क्लीनिक में जिन मरीजों को भेजा जाता है, उनमें से कई कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।
ऐसी स्थिति में वे छुट्टी के लिए आवेदन लेकर सीधे डिस्पेंसरी आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को भी कोरोना का खतरा है। डॉक्टर्स ने कहा कि छुट्टी सीधे एआरआई क्लिनिक से सेंक्शन होना चाहिए। ईएसआई डिस्पेंसरी सुभाष नगर और सोनागिरी में हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक डिस्पेंसरी की ओपीडी में रोजाना लगभग 200 मरीज आते हैं। इनमें से 30-40 को एआरआई में भेज दिया जाता है। ऐसे में जब उनका इलाज एआरई क्लीनिक में हुआ है तो वहीं से छुट्टी भी स्वीकृत की जानी चाहिए।
जो भी समस्या आ रही है उसे दूर किया जाएगा
^यह मामला अभी मेरी जानकारी में आया है। इस संबंध में हम प्रक्रिया का रिव्यू करेंगे। यह ताे सही है कि डॉक्टर्स को भी कोरोना का खतरा रहता है। जो भी समस्या आ रही है उसे दूर किया जाएगा।
- डॉ. बीएल बंगेरिया, डायरेक्टर, ईएसआई
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