मुख्यमंत्री के उज्जैन में रहने के दौरान भाजपा नेता ने की थी थाना प्रभारी से धक्का-मुक्की, सीएसपी को कहा था बदतमीज महिला

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के उज्जैन आगमन के दौरान हेलीपेड पर शुक्रवार सुबह भाजपा नेताओं से विवाद के बाद 24 घंटे में सीएसपी ऋतु केवरे का ग्वालियर तबादला कर दिया गया है। मप्र शासन के गृह विभाग ने शनिवार शाम सीएसपी केवरे का तबादला आदेश जारी किया। उन्हें तत्काल प्रभाव से आईजी कार्यालय
ग्वालियर भेजा है। दो साल के दौरान भाजपा व कांग्रेस नेता वीआईपी की अगवानी के दौरान हुए विवाद के बाद तीन एएसपी का भी तबादला करवा चुके है।
शनिवार को तबादला आदेश के बाद सीएसपी केवरे ने कहा कि भाजपा नेता संक्रमित पार्षद की पत्नी को सीएम से मिलाने हेलीपेड के अंदर ले जा रहे थे। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर उन्हें रोका तो विवाद किया, मुझे अपशब्द कहे व ट्रांसफर की धमकी दी थी। सीएसपी ने कहा कि नेता सिर्फ तबादला ही करवा सकते है लेकिन कहीं भी भिजवा दे, मैं नौकरी तो दमखम से ही करूंगी।
मैं तो इसी दमदारी से ही नौकरी करूंगी..धन्यवाद उज्जैन-सीएसपी
हेलीपेड पर भाजपा नेताओं के अपशब्दों का शिकार हुई नानाखेड़ा सीएसपी केवरे ने कहा कि फिलहाल तबादला आदेश मुझे नहीं मिला है लेकिन अगर नेताओं ने ग्वालियर तबादला करवा दिया तो कोई फर्क नहीं पड़ता। ड्यूटी यहां भी कर रही थी और ड्यूटी वहां भी इसी दमखम से करूंगी। मेरे काम पर इस तबादले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उज्जैन में अच्छा-बुरा सारे अनुभव मिले, धन्यवाद उज्जैन।
सांसद ने एएसपी को धमकाया था-तवज्जो नहीं दे रहे हो
पुलिस अधिकारियों से वीआईपी ड्यूटी के दौरान विवाद करना भाजपा नेताओं का ही शगल नहीं है बल्कि यही स्थिति कांग्रेस की भी है। इससे पूर्व कांग्रेस की प्रदेश में सरकार रही तो यहां के कांग्रेस नेता व जनप्रतिनिधि भी विवाद करने में पीछे नहीं रहे। इसी का नतीजा का है कि वीआईपी के आगमन के दौरान नेताओ को रोकने-टोकने पर दो साल में उज्जैन से यह चौथे पुलिस अधिकारी का तबादला हुआ है। दिसंबर 2018 में शिवराजसिंह महाकाल दर्शन करने आए थे तब हेलीपेड पर एएसपी अभिषेक दीवान से सांसद चिंतामणि मालवीय व अन्य भाजपा नेता भिड़ गए थे। दीवान से यह तक बोले थे कि हमारी सरकार जाने वाली है इसलिए तवज्जो नहीं दे रहो हो। इस घटना के बाद भी एएसपी दीवान का भोपाल एआईजी रेडियो में तबादला करवा दिया था।
नेताजी बोले थे सरकार बदल गई, चश्मा भी बदल लो
कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ एक जनवरी 2019 को उज्जैन में महाकाल दर्शन को आए थे। इस दौरान नृसिंह घाट के समीप अस्थायी हेलीपेड पर प्रवेश को लेकर कांग्रेस नेताओं ने विवाद किया था। यहां तैनात एएसपी नीरज पांडेय को तराना विधायक महेश ने सरेआम यह कहा था कि सरकार बदल गई है अब अपना चश्मा भी बदल लो। इसके कुछ दिन बाद पांडेय का भोपाल तबादला हो गया। इस घटना के कुछ दिन बाद दोबारा यहीं स्थिति सर्किट हाउस पर हुई। यहां एएसपी एसपी अभिजीत रंजन ने नेताओं को रोका तो उन्होंने अपशब्द कहे। तराना विधायक से एएसपी की कहासुनी हो गई जिसके बाद एएसपी रंजन का भी ग्वालियर तबादला हो गया।
दम-खम से ड्यूटी नहीं, यहां तो सिर्फ नेताओं की जी-हुजूरी ही चलती है...
ये राजनीति का चेहरा है। ईमानदारी से ड्यूटी करना भुलाकर जी-हुजूरी यही सिखाती है। न कर सको तो सीएसपी ऋतु जैसे हाल होते हैं। फिर चाहे आप सीएम की सुरक्षा के लिए ही ऐसा क्यों न कर रहे हों। शुक्रवार से शनिवार तक बीते 24 घंटों में यही हुआ। अंत हुआ गुंडागर्दी वाली राजनीति की जीत से। ईमानदारी से डटी सीएसपी ऋतु का गुनाह था कि बिना लिस्ट में नाम वाले छोटे नेताओं को सीएम तक जाने से रोका, संक्रमित पूर्व पार्षद की पत्नी को भी सीएम तक जाने नहीं दिया था, ताकि प्रदेश के मुखिया की सुरक्षा हो सके।
लेकिन यहां नेतागिरी चली। खुलेआम एक महिला अिधकारी को अपशब्द कहे गए। वर्दी में होने के बाद भी एक थाना प्रभारी पर हाथ उठाया गया। पुलिस अफसर को ट्रांसफर की धमकी दी गई। तमाशा सारे पुलिस विभाग ने देखा। प्रदेश के मुखिया भी नजदीक थे। मामला उन तक पहुंचा। उन्होंने आईजी को देखने का कहा, लेकिन शायद फैसला तभी हो चुका था, जब सत्तापक्ष के छोटे से नेता के मुंह से ट्रांसफर की बात निकल गई थी। शेष|पेज 7 पर
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