25 दिन में 5 लाख रुपए से 2 बीघा जमीन में तालाब तैयार, ताकि मंदिर का काम न रुके

लेपा गांव के पुनर्वास स्थल पर पिछले एक माह से श्रीराम मंदिर का निर्माण जारी है। इसमें पानी व नींव की मिट्‌टी पर खर्च अधिक आने पर ग्रामीणों ने मंदिर क्षेत्र की 2 बीघा जमीन पर तालाब निर्माण का निर्णय लिया। लगातार 25 दिन में जेसीबी, पोकलेन मशीन व श्रमदान से तालाब के साथ कुएं का निर्माण किया गया। तालाब की खुदाई से निकली मिट्‌टी का नींव तैयार करने में उपयोग किया गया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के साथ यहां भी मंदिर निर्माण की नींव रखी गई थी। अयोध्या के मंदिर की तर्ज पर ही इसका निर्माण प्रस्तावित है। 25 फीट ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर नक्षत्र वाटिका लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मंदिर निर्माण के बाद रामायण की मुख्य चौपाइयां मंदिर परिसर में अंकित करना भी योजना में शामिल हैं।

250 घंटे लगातार जेसीबी से करवाई खुदाई

मंदिर निर्माण समिति के योगेश बामने ने बताया पहाड़ी पर मंदिर निर्माण के लिए जगह को समतल करना जरूरी था। इसके लिए मिट्‌टी व मुरम बाहर से लाने में परिवहन शुल्क व अन्य खर्च अधिक आ रहा था। इसे देखते हुए समिति ने मंदिर के आवंटित जमीन पर ही तालाब निर्माण का निर्णय लिया। पानी की जरुरत पूरी करने के लिए कुआं खुदवाना भी तय किया गया। समिति सदस्य शिवराम यादव ने बताया 25 दिनों तक जेसीबी व पोकलेन मशीन से खुदाई करवाई गई। 250 घंटे लगातार जेसीबी चली। इसमें करीब 5 लाख रुपए खर्च हुए। 25 दिनों में तालाब निर्माण के बाद पानी का स्रोत दिखने पर कुआं खुदवाया गया। रोजाना 3 टैंकर पानी का उपयोग मंदिर निर्माण में हो रहा है। सुरक्षा के लिए तालाब व कुएं की बाउंड्रीवॉल का काम प्रस्तावित है।

पुनर्वास पर नहीं है मंदिर, 10 साल बाद भूमिपूजन

गांव के देवराम वर्मा ने बताया महेश्वर बांध की डूब में आने से लोग 2010 में पुनर्वास स्थल पहुंच गए। लेकिन मंदिर की मुआवजा राशि नहीं मिलने से पुनर्वास स्थल पर अब तक कोई मंदिर नहीं है। अब भी पर्व-त्योहार मनाने के लिए ग्रामीण लेपा गांव में जाते है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन के दिन यहां नींव रखने का निर्णय लिया। अब छोटे से गांव में भव्य मंदिर का निर्माण जारी है। इसकी लागत करीब 1 करोड़ है। यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर बन रहा है। ग्रामीणों ने बताया मंदिर के मुआवजे के रूप में 34 लाख रुपए स्वीकृत है। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। जल्द यह राशि मिलने की उम्मीद है। फिलहाल 4 हजार वर्गफीट में जनसहयोग से काम चल रहा है। मंदिर के साथ बगीचा, अतिथि कक्ष, शौचालय, खेल मैदान व बैठक कक्ष निर्माण कार्ययोजना में शामिल हैं।​​​​​​​



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Pond ready in 2 bighas of land for Rs 5 lakhs in 25 days, so that the work of the temple does not stop


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