ओपीएस ने सीएम के कान में कहा- गुर्जर का नाम नहीं लिया, सीएम ने कहा-मेरी मेमोरी कमजोर नहीं

मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में गुर्जर वोट को साधने के लिए भाजपा प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कान में एक नाम बोला। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि ओपीएस मैंने नरेश गुर्जर का नाम बोल दिया है। मेरी मेमोरी कमजोर नहीं है। दरअसल वे मंच पर उपस्थित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दूसरे दलों से भाजपा में आए नेताओं के नाम अपने संबोधन से पहले बोल रहे थे। तभी यह वाक्या घटित हुआ। इस मौके पर उनके साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह चुनाव सरकार बनाने का नहीं है। सरकार तो पहले से बनी है। ये चुनाव तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को तीन साल के लिए स्थाई रूप से कुर्सी पर बैठाने का है। दोनों ही नेताओं के भाषणों विपक्ष (कमलनाथ) के बाद केंद्र में किसान मतदाता रहे।
मुख्यमंत्री ने 24 मिनट 40 सेकंड के भाषण में शुरुआत के तीन मिनट में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की कलाकारी की वजह से कमलनाथ की सरकार चली गई। लेकिन वे यह बात आज तक नहीं समझ पाए। उन्होंने कहा कि 2018 में भले ही हमें वोट ज्यादा मिले। लेकिन पांच सीट कांग्रेस की ज्यादा आई। इसलिए हमने सरकार नहीं बनाई। हमें उम्मीद थी कि 15 साल बाद लौटे हैं तो अच्छे से जनता की सेवा करेंगे। लेकिन सवा साल में ही उनके कुकर्म और पाप का घड़ा भर गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बिना घोषणा किए इशारा किया कि सरकार आई तो अगले साल गोरमी में कॉलेज होगा। मालूम हो कि सीएम ने मेहगांव के गोरमी और गोहद के मालनपुर में सभाओं को संबोधित किया।
पहली बार साथ लेकर आए हिसाब, जनता से जुड़वाई राशिः
सीएम गुरुवार को चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए अपने साथ पिछले छह महीनों में खर्च की गई राशि का हिसाब लेकर आए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न मदों में खर्च की गई राशि सुनाते हुए उसे जनता से जुड़वाया।
कमलनाथ के तीन बयानों का मुख्यमंत्री ने यह दिया जवाब
नालायक है- सरकार से जाने के बाद कमलनाथ बुरी तरह से बौखला गए हैं। वे मुझे नालायक कहते हैं। जनता बताए क्या मैं उन्हें नालायक दिखता हूं। वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जनता से वादे किए थे उन्हें पूरा करो तो वे अंहकार में इतने चूर थे कि उनसे ही बोल दिया कि आओ निपट लो। क्या हुआ खुद निपट गए। ओपीएस अपने 22 साथियों के साथ आ गए।
नारियल लेकर घूमता है- कमलनाथ कभी कहते हैं मैं नारियल लेकर घूमा हूं। तुमने कभी एक धेला नहीं दिया। अब जब हम दे रहे हैं तो तुम्हारे क्यों दर्द हो रहा है। रौन को हमने ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनाया था। तुमने फिर ग्राम पंचायत बना दिया। हमारी सरकार आई हमने उसे फिर नगर पंचायत बना दिया। अब बताओ हम नारियल फोड़े या नहीं। अब हम तुम्हारी तरह शैंपेन की बोतल लेकर तो घूम नहीं सकते।
घुटने टेकता है- मैं जनता को झुककर प्रणाम करता हूं तो कमलनाथ कहते हैं कि शिवराज घुटने टेकता है। अरे मैं मध्यप्रदेश को मंदिर मानता हूं और उसकी जनता मेरे लिए भगवान है। मैं इसका पुजारी। तुम जनता को पैरों से कुचलते हो। मैं जनता का सेवक हूं इसलिए झुककर जनता को प्रणाम करता हूं। यही भाजपा की संस्कृति है। लेकिन कमलनाथ को जनता को प्रणाम करने पर भी आपत्ति होती है।
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