शरद पूर्णिमा पर रात में आरती कर बांटेंगे खीर की प्रसादी
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। शहर के अधिकांश मंदिरों में शरद पूर्णिमा शनिवार को मनाई जाएगी। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
श्री कालिका माता मंदिर, श्री महालक्ष्मी मंदिर, माणकचौक स्थित बड़े गोपाल मंदिर, मेहंदी कुईं बालाजी मंदिर, ऊकाला के बड़े गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में शरद पूर्णिमा शनिवार को मनाई जाएगी। मंदिरों में भगवान का श्रृंगार कर रात में आरती कर खीर प्रसादी का वितरण किया जाएगा। कुछ भक्तों ने शुक्रवार को शरद पूर्णिमा मना ली है। अधिकांश भक्त शनिवार को ही पूर्णिमा का व्रत किया। मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी यह तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते हैं। इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसने की मान्यता होने की वजह से भक्त खीर तैयार करते हैं और चंद्रमा की रोशनी में रख देते हैं ताकि चंद्रमा की दिव्य किरणों को इकट्ठा किया जा सके। इसके बाद खीर बांटी जाती है।
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