जबलपुर में कांग्रेस नेता ने स्टोन क्रशर प्लांट के कर्मचारी के नाम पर खरीदी थी लाइसेंसी बंदूकें
जबलपुर भानतलैया निवासी कांग्रेस नेता गजेंद्र उर्फ गज्जू सोनकर के घर से जब्त अवैध असलहों में दो आर्म्स लाइसेंसी हैं। दोनों ही आर्म्स का लाइसेंस गज्जू के स्टोन क्रशर प्लांट में 15 हजार की नौकरी करने वाले सुपरवाइजर के नाम पर हैं। पुलिस ने सोमवार को सुपरवाइजर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया है कि कांग्रेस नेता ने ही सुपरवाइजर के नाम पर लाइसेंसी आर्म्स खरीदे थे। अब पुलिस उक्त दोनों आर्म्स का लाइसेंस निरस्त कराने की कवायद में जुटी है।
एसपी की स्पेशल-35 टीम ने सात नवम्बर को गज्जू के घर जुआ फड़ की सूचना पर दबिश दी थी। बाद में उसके घर की सर्चिंग में दो कार्बाइन सहित 17 अवैध आर्म्स, 19 मैग्जीन और 1478 विभिन्न बोर के कारतूस जब्त किए थे। इसके अलावा जंगली जानवरों के दो सींग, फरसा, खड्ग, कुल्हाड़ी आदि भी जब्त हुआ था। जब्त आर्म्स में रायफल व बंदूक भी था। उनके लाइसेंस की जांच कराई गई तो पता चला कि दोनों आर्म्स मोदीवाड़ा केंट निवासी प्रशांत पटियाल (37) के नाम पर है।
गज्जू के क्रेशर प्लांट में है सुपरवाइजर
मामले की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक प्रशांत पटियाल गज्जू सोनकर के क्रशर प्लांट में नौकरी करता है। उसे 15 हजार रुपए वेतन मिलता है। इतना कम वेतन पाने वाला व्यक्ति के नाम पर रायफल व बंदूक का लाइसेंस मिलना पुलिस को भी खटक रहा है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पटियाल गज्जू का मोहरा भर था। अपने ऊपर दर्ज आपराधिक प्रकरण और 2014 में आर्म्स लाइसेंस निरस्त होने के बाद गज्जू ने ही पटियाल के नाम पर उक्त दोनों आर्म्स खरीदे थे। लाइसेंस स्वीकृत कराने में भी गज्जू ने ही जुगाड़ लगाया था। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने दोनों आर्म्स के लाइसेंस निरस्त कराने की बात कही है।
चार आरोपी फरार
इस हाईप्रोफाइल मामले में गज्जू सोनकर और उसका छोटा भाई सोनू सोनकर गिरफ्तार हो चुके हैं। दोनों का एनएसए भी हो चुका है। वहीं पिता राजकुमार उर्फ बाबू नाटी सोनकर, मैनेजर रजनीश वर्मा, गोटेगांव नरसिंहपुर निवासी भाईलाल पटेल, ओमकार उर्फ बबुआ सोनकर फरार चल रहे हैं। चारों पर एसपी ने पांच-पांच हजार का इनाम घोषित कर रखा है।
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