बर्तन सेवा न कर पत्तल-दाेने में छकाया लंगर; कोरोना गाइडलाइन का किया पालन

सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देवजी के 551वें प्रकाश पर्व पर मंगलवारा स्थित प्राचीन गुरुद्वारे में विशेष अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी हाेशंगाबाद ने इस बार काेराेना से सतर्कता रखते हुए इस बार बर्तन सेवा न कर पत्तल-दाेनाें में लंगर छकाया।

देश से काेराेना संक्रमण पूरी तरह से खत्म हाेने और किसान आंदाेलन काे सफल बनाने के लिए अरदास की। इसके लिए गुरुद्वारे में अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के काेषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह अराेरा ने बर्तन की सेवा करने वालाें की संख्या बढ़ जाती है। साेशल डिस्टेंस का पालन नहीं हाेता इसलिए कमेटी ने इस बार स्टील के बर्तन में लंगर नहीं कराने का निर्णय लिया।

गुरुद्वारे में रात तक चले शबद कीर्तन

साेमवार काे अखंड पाठ साहिब का समापन हुअा। कीर्तन हजूरी रागी हरभजन सिंह, कीर्तन रागी जत्था परमजीत सिंह खालसा द्वारा किया गया। रात में कीर्तन स्त्री सत्संग जत्था, कीर्तन भाई परमजीत सिंह खालसा ने किया।

भीड़ के कारण नहीं निकाला नगर कीर्तन

साेमवार काे पहला माैका था जब गुरुनानकजी के प्रकाश पर्व पर शहर के मुख्य मार्गाें पर नगर कीर्तन नहीं निकाला गया। 1973 के बाद से गुरुद्वारे से प्रतिवर्ष नगर कीर्तन किया जा रहा है। लेकिन इस साल नगर कीर्तन नहीं निकाला गया।

सरब राेग का अउखदु नामु ।।
कलिआण रूप मंगल गुण गाम ।।

अर्थ : डाॅ. सुरिंदरजीत सिंघ ने बताया कि सभी प्रकार के दुखाें का नाश करने वाला भगवान का नाम है। भगवान का नाम जपने से सभी प्रकार के दुख, राेग का नाश हाेता है। हम वाहे गुरुजी के आगे अरदास करते हैं कि जाे भी बीमारियां दुनिया में फैल रही हैं उनका नाश हाे। भगवान की कृपा सब पर बनी रहे।



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551वां प्रकाश पर्व


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