टेंट पर अग्रवाल करता ड्रग्स की बातें, उसी के कर्मचारी ने सिपाही को बताया, 20 दिन रैकी के बाद पकड़ा रैकेट

70 करोड़ की एमडी ड्रग्स की खेप पकड़ने में टेंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल के कर्मचारी की अहम भूमिका है। अग्रवाल अपने टेंट पर ड्रग्स और पुड़िया देने की बातें करता था। इसकी सूचना कर्मचारी ने क्राइम ब्रांच के एक सिपाही को दी। क्राइम ब्रांच ने 20 दिन तक रैकी की और इस रैकेट को पकड़ा। यह बात भी पता चली है कि आरोपियों ने छोड़ने के लिए सिपाहियों को लाखों रुपए का ऑफर भी दिया था। इसके अलावा ड्रग सप्लायर और फार्मा कंपनी का संचालक वेदप्रकाश व्यास जमीन की धोखाधड़ी भी करता था।

उसकी पत्नी गिरफ्तार भी हो चुकी है। वहीं ड्रग के मामले में देश की सबसे बड़ी कार्रवाई होने से पांचों आरोपियों से एटीएस और नारकोटिक्स की टीम भी पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के अनुसार आरोपी वेदप्रकाश व्यास और उसकी पत्नी के खिलाफ पहले से हैदराबाद में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। पत्नी राजस्थान की रहने वाली है। कुछ माह पहले उसे गिरफ्तार भी किया जा चुका। व्यास तब फरार था।

पुलिस को सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों की ड्रग्स बनाने वाली फैक्टरी पकड़ने की है, क्योंकि व्यास ने जो फैक्टरी बताई है वहां सिर्फ दवाइयां बनने के सुराग मिले हैं। पुलिस को शंका है कि आरोपी व्यास की हैदराबाद में दूसरी फैक्टरी भी है, जहां एमडी ड्रग बनती थी।

दूसरे प्रदेशों के पांच बड़े लोग भी रैकेट में शामिल
आईजी हरिनारायणचारी मिश्र के अनुसार आरोपी व्यास 2013 से हैदराबाद में है और वहां सक्रिय है। वह काफी दिनों से इसमें लिप्त है। यह पता किया जा रहा है कि उसके दिनेश अग्रवाल के अलावा और कितने बड़े दलालों से संपर्क हैं। आईजी के मुताबिक इंदौर सहित अन्य प्रदेश के पांच लोगों की जानकारी जुटाई गई है, जो इस गैंग से जुड़ी है।

बॉलीवुड कनेक्शन खंगाल रही पुलिस
अफसरों का मानना है कि एमडी का सबसे बड़ा गढ़ मुंबई है। सबसे ज्यादा खपत बॉलीवुड और टीवी सीरियल से जुड़े लोगों में है। इसलिए पुलिस की नजर भी इस गैंग के मुंबई कनेक्शन को निकालने पर है। हालांकि अभी इसकी सीधी लाइन नहीं मिली है। वहीं आरोपियों के मंदसौर और हैदराबाद के अलावा अन्य शहरो में कनेक्शन की भी जानकारी मिली है।

नारकोटिक्स और एटीएस की टीम ने भी की पूछताछ
देश का सबसे बड़ा मामला होने से पूछताछ के लिए गुरुवार को एटीएस और नारकोटिक्स की टीम भी पहुंची। उन्होंने कुछ देर जानकारी निकाली फिर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से कहा कि ड्रग्स के मामले में उन्हें लगातार अपडेट देते रहे। इसके अलावा मुंबई और इंदौर की एनसीबी भी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है।

अग्रवाल बीमार बता रहा, मेडिकल कराया
अफसरों का कहना है कि आरोपी ड्रग रैकेट की लिंक बताने में ज्यादा जानकारी नहीं दे रहे हैं। वहीं दिनेश ने खुद को बीमार बताया। कहा कि घुटने व सीने में समस्या है। पुलिस ने उसका मेडिकल करवाया। दिनेश ने सिपाहियों से गुहार लगाई थी कि उसके बेटे को बचा लो तो बेटा पिता को बचाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा।

कैसे ले जाते ड्रग्स अफ्रीका इस पर संशय...
आरोपी अभी भी नहीं बता रहे है कि वे दक्षिण अफ्रिका में माल कैसे ले जाने वाले थे। दिनेश अग्रवाल और उसके बेटे का कहना है कि उन्हें पता था कि एमडी का सबसे ज्यादा डिमांड साउथ अफ्रीका में है। वे अभी व्यास को 13 लाख रुपए देकर एमडी इंदौर में रखते। फिर अफ्रीका में किसी को बेचने की लिंक खोजते। इस दौरान वे इंदौर में भी बड़े पैडलर्स को खंगाल रहे थे। अफसरों ने बताया कि वे एमडी को सेक्स, जिम के अलावा मेमोरी बढ़ाने में कारगर बताकर भी बेचना चाहते थे।



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दिनेश अग्रवाल


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