सुपर कॉरिडोर की तीन स्कीम 151, 166 और 169 बी में सालों से विवादित जमीनों का हल मिनटों की बातचीत में निकला

सुपर कॉरिडोर की तीन स्कीम 151, 166 और 169बी के विवादित प्रकरणों का जो हल सालों से नहीं निकल पा रहा था, उनमें से कई का निराकरण गुरुवार को मिनटों की बातचीत में निकल गया। किसी किसान को जमीन के बदले प्लॉट और मुआवजा दूसरी जमीन पर मिल रहा था, तो किसी का प्लॉट ही बड़ा था, तो किसी का पारिवारिक विवाद नहीं निपट पा रहा था। ऐसे सभी मामलों के निराकरण के लिए आईडीए ने गुरुवार से तीन दिनी शिविर सुपर काॅरिडोर पर लगाया है। इसमें 20 से ज्यादा प्रकरण निपटाए गए।

सुपर कॉरिडोर पर आईडीए की स्कीम 151 में 98 प्रतिशत कब्जा आईडीए को मिल चुका। अब सिर्फ 2 प्रतिशत जमीन का विवाद है। 166 में 97 प्रतिशत जमीनों का अनुबंध हो चुका। अब 3 प्रतिशत जमीन का विवाद बचा है। 169 बी में 88 प्रतिशत जमीनों का कब्जा आईडीए को मिला है। इन स्कीम में छह प्रकरण हाई कोर्ट में विचाराधीन हैं। यह करीब 20 हेक्टेयर जमीन का मामला है। इसके अलावा बाकी जमीनों के प्रकरण किसानों से नहीं सुलझ पा रहे थे।

मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के साथ उनके हितों को देखते हुए फैसले लेने के निर्देश देने के बाद आईडीए ने गुरुवार, शुक्रवार और सोमवार को यहां शिविर लगाया है। इसमें सीईओ विवेक श्रोत्रिय के साथ सभी संंबंधित अधिकारी दिनभर यहां बैठकर किसानों के मसलों का निराकरण कर रहे हैं।

जमीन मालिकों की समस्या का मौके पर मिल गया हल
जमीन मालिक मुन्नालाल लक्ष्मी को आईडीए ने जो प्लॉट जमीन के बदले दिया था, वह दूसरे स्थान पर था, जबकि मुन्नालाल की मांग थी कि वह घर बना चुका है और जहां घर है वहां का प्लॉट उसे मिल जाए, बाकी जमीन आईडीए ले ले। सीईओ ने तत्काल दूसरी पार्टी, जिसे यह प्लॉट अलॉट हो चुका था, उसे बुलाया और वहीं दोनों में समझौता हो गया। इसी तरह स्कीम 166 में तीन भाई रामदास, धर्मराज और प्रेमराज के प्लाॅट के विवाद का निराकरण भी मौके पर ही हो गया।

ग्रेटर बाबा कॉलोनी के रहवासियों को मिली राहत
ग्रेटर बाबा कॉलोनी में 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट हैं। यहां के जमीन मालिकों ने सीईओ को बताया उनका प्लॉट लेकर आईडीए डेवलप कर दे। इस पर सीईओ ने बताया इतने छोटे प्लॉट का क्या विकल्प होगा। इससे बेहतर है कि तीन रहवासी मिलकर प्लॉट दें तो आईडीए उन्हें तैयार कर बेच सकेगा। ताकि कम से कम खरीदार को 5-5 हजार के प्लॉट मिल सकें और वह तीन एफएआर का इस्तेमाल कर 15000 स्क्वेयर फीट का निर्माण कर सके।

पहले किसानों ने जताई नाराजगी, फिर समझाइश के बाद हुए समझौते
आईडीए अधिकारियों को डर था कि यहां किसानों के साथ बड़ा विवाद हो सकता है। ऐसा हुआ भी जब 10 साल से परेशान किसान अधिकारियों के सामने आक्रोश में पहुंचे। उन्होंने कहा- आईडीए के चक्कर लगाने के बाद भी फाइल कभी इस अधिकारी तो कभी दूसरे के पास अटक जाती है। ऐसे में सीईओ ने खुद उनसे बात करते हुए समस्या का हल निकाला।

टैक्स बचाने के लिए किसान नहीं करवा रहे रजिस्ट्री
शिविर में यह भी खुलासा हुआ कि कई किसान जानबूझकर आईडीए के प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं करवा रहे। ऐसा करने पर उन्हें तत्काल प्रॉपर्टी टैक्स भरना पड़ेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सुपर कॉरिडोर पर आईडीए ने किसानों की समस्याओं का किया निराकरण।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3or5DaD

Share this

0 Comment to "सुपर कॉरिडोर की तीन स्कीम 151, 166 और 169 बी में सालों से विवादित जमीनों का हल मिनटों की बातचीत में निकला"

Post a Comment