पांच दिन से कतार में खड़े किसानों का सब्र टूटा, नांदनी में बारदान से भरा ट्रक लूटा

पूरे साल आंधी, बारिश और कड़ाके की ठंड झेलते हुए पैदा किए गेहूं बेचने में इस बार किसानों के सब्र की इंतिहा हो गई। 5 दिनाें से खरीदी केंद्रों के सामने भीषण लू झेल रहे किसानों का शनिवार को सब्र टूट गया। बारदान खत्म होने के कारण बंद पड़ी खरीदी के बीच नांदनी पहुंचा बारदान से भरा ट्रक भीड़ ने लूट लिया। कालापीपल खरीदी केंद्र पर परेशान हो रहे किसानों ने भोपाल जाने वाले रास्ते पर चक्काजाम कर दिया।
इधर, पहले से गेहूं भंडारण के लिए दूसरे जिलों में गोदामों की जुगाड़ में बैठे प्रशासन के सामने बारदान की आपूर्ति करने की नई समस्या खड़ी हो गई। बारदान के लिए पश्चिम बंगाल भेजी गई गाड़ियां अम्फान तूफान के कारण वहीं अटक गई। वहां तबाही के बीच अब वहां से बारदान मिलने की उम्मीद खत्म हो गई। ऐसे में ताबड़तोड़ शनिवार को अहमदाबाद से बारदान का आर्डर कराया, लेकिन ये बारदान अब संभवत: रविवार दोपहर बाद तक ही आने की उम्मीद है। ऐसे में बारदान आने के बाद ही गेहूं की खरीदी हो सकेगी।
आकलन गलत किया
15 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीदी में जिले के 79 केंद्रों पर शनिवार तक 50 हजार 113 किसानों से 3 लाख 5 हजार 151 टन गेहूं की खरीदी कर दी गई है। ऐसे में 10 हजार किसान अभी और फसल बेचने से बचे हैं। इधर, खरीदी केंद्रों के सामने पिछले एक सप्ताह से कतार में लगे किसानों का गेहूं खरीदने में ही सरकार द्वारा तय अंतिम दिन 26 मई निकल जाएगी। ऐसे में तारीख आगे बढ़ाना पड़ेगी। इधर, ज्यादा आवक होने के कारण अब जिले में भंडारण की जगह नहीं बची। न ही तौल कराने के लिए बारदान बचे।
इसका जिम्मेदार कौन... तीन दिन से घर से मंगवाकर ट्रैक्टर के नीचे करना पड़ रहा भोजन
ट्रेक्टर के नीचे बैठकर भोजन करते किसान कैलाशचंद्र पाटीदार व उनके साथी सुनील पाटीदार व ओमप्रकाश पाटीदार। चौंसला कुल्मी के रहने वाले कैलाश व उनके साथी 20 मई की शाम से आए हैं। मैसेज में मक्सी बुलाया। फिर वहां से बेरछा में तौल होने की बात कहते हुए वहां भेज दिया और जब बेरछा पहुंचे तो वहां से सनकोटा केंद्र पर भेज दिया। तब से यहीं हैं। खाना भी हर दिन 12 किमी दूर घर से मंगवाना पड़ रहा है।
पांच दिन से खरीदी केंद्र के पास कर रहे टाइम पास
किसान : राजेश पाटीदार, निवासी चौसला कुल्मी, कब से आए : 18 मई से आए, कितने गेहूं बेचेंगे : 350 क्विंटल, ट्रैक्टर लाए : 5, अतिरिक्त खर्च : 5 हजार रुपए हर दिन
परेशानी : लॉकडाउन के कारण इस साल फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिले। इस कारण हार्वेस्टर से ज्यादा कीमत चुकाकर फसल की कटाई करवाई। इसके बाद गेहूं बेच नहीं सके। दो माह तक गेहूं को गोडाउन में संभालकर रखा। अब बेचने के लिए भीषण गर्मी में लू झेलना पड़ रही है।
पैदावार अच्छी हुई, लेकिन बेचने में आ रही परेशानी
किसान : बलराम पाटीदार निवासी चौसला कुल्मी, कब से आए : 20 मई से केंद्र के सामने कतार में लगे, कितने गेहूं बेचना : 195 क्विंटल, ट्रैक्टर लाए : 3, अतिरिक्त खर्च : 3 हजार रुपए हर दिन का भाड़ा।
परेशानी : पहली बार हुई इतनी अच्छी बारिश को देख पिछले चार साल से उठा रहे नुकसान की भरपाई के लिए खूब मेहनत की। पैदावार भी अच्छी मिली, लेकिन पिछले दो माह से अनाज को संभालकर रख रहे है। बेचने का अब मैसेज आया पर यहां पहुंचे तो खरीदी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। कब तक नंबर आएगा। इसका भी कोई भरोसा नहीं।
अम्फान तूफान आने के कारण नहीं मिले बारदान
बारदान के लिए प्रशासन ने जिले से पश्चिम बंगाल गाड़ियां भेजी थी। इस दौरान वहां अम्फान तूफान आया और वहां तबाही मचा दी। ऐसे में वहां से बारदान मिलने की अब कोई संभावना नहीं है। शुजालपुर एसडीएम प्रकाश कस्बे ने बताया कि कई दिनाें से परेशान हो रहे किसानों ने अपने गेहूं को तौल कराने की उम्मीद में गाड़ी में रखे अन्य सेंटर पर पहुंचाने वाले बारदान भी उतार लिए थे, जिन्हें वहां रख लिए हैं जो समीप के केंद्रों में पहुंचा दिए जाएंगे।
अहमदाबाद से बुलवाए जा रहे हैं बारदान
किसानों को धैर्य रखने की जरूरत है। अहमदाबाद से बारदान मंगवाए जा रहे हैं। एक दो दिन में स्थिति सुधर जाएगी। सभी के गेहूं का तौल होगा।
- डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत, कलेक्टर
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cWn8Kc
0 Comment to "पांच दिन से कतार में खड़े किसानों का सब्र टूटा, नांदनी में बारदान से भरा ट्रक लूटा"
Post a Comment