होशंगाबाद में ट्रक से ~1 करोड़ का गांजा जब्त, सब्जी के कैरेट्स में छुपा रखा था

अंतरराज्यीय गांजा तस्कर गिराेह के तार होशंगाबाद से जुड़ गए। शनिवार तड़के 5 बजे नारकाेटिक्स कंट्राेल ब्यूराे (एनसीबी) इंदाैर की 14 सदस्यीय टीम ने देहात पुलिस की मदद से रसूलिया डबल फाटक पहाड़िया के पास से साढ़े पांच क्विंटल गांजा जब्त किया। गांजे की कीमत करीब 1 कराेड़ रुपए है जाे ओडिशा से मिनी ट्रक (एमएच11एएल5724) में सब्जी-फलों के खाली कैरेट्स में छिपाकर हाेशंगाबाद लाया गया था। तीन राज्याें की परिवहन जांच चाैकियों को पार कर अाेडिशा से हाेशंगाबाद लाया गया।

एनसीबी के अधिकारियाें के मुताबिक हाेशंगाबाद में ही गांजा उतरने की सूचना तीन दिन पहले मिली थी। तस्कराें की ओडिशा से ही रैकी की। एनसीबी टीम ने 4 गाड़ियाें से हाेशंगाबाद तक 1029 किमी 22 घंटे आराेपियाें का पीछा किया। गांजा होशंगाबाद उतरने की सूचना थी, हालांकि यहां दिल्ली भेजे जाने की भी आशंका है।


आठ महीने पहले भी जब्त हुआ था गांजा
6 अक्टूबर 2019 को बैतूल में आंध्रप्रदेश से भोपाल जा रहा गांजे से भरा ट्रक डीआरआई की टीम ने पकड़ा था। मिनी ट्रक में टमाटर के कैरेट में 870 किलो गांजा था।

सवाल : बाॅर्डर चैक पाेस्ट पर चैकिंग में लापरवाही क्याें

महाराष्ट्र से आने वाले वाहनों की जांच में बड़ी लापरवाही उजागर हुई। महाराष्ट्र और एमपी की बाॅर्डर के ससुंद्रा जांच चौकी पर राेज 10 हजार और भैंसदेही हनुमानढाना के अदना नाका (आरटीओ बैरियर)से राेज 3 हजार मालवाहक वाहन गुजरते हैं। दाेनाें ही जगह आरटीओ 5.50 क्विंटल गांजे से भरा मिनी ट्रक बिना जांच के छाेड़ दिया गया।

मप्र में गांजा पैदा नहीं हाेता, रखना भी क्राइम

देहात थाना टीआई हेमंत श्रीवास्तव ने बताया नारकाेटिक ड्रग्स एंड साइकाेट्राॅपिक सब्स्टांसेस एक्ट (एनडीपीएस) 1985 के तहत मप्र में गांजे की खेती करना, परिवहन करना, विक्रय करना या स्टाक करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह अपराध गंभीर श्रेणी में आता है और इसमें सेशन ट्रायल हाेती है।

मप्र में 18 हजार रुपए किलाे बिकता है गांजा
ओडिशा जैसे जिस क्षेत्र में गांजे की खेती हाेती है। वहां कीमत 5 हजार रुपए किलाे है। मप्र में गांजे की खेती पर राेक है। मप्र सहित अन्य राज्याें में गांजे की 15 से 18 हजार रुपए प्रति किलाे के हिसाब से तस्करी हाेती है। यानी जब्त गांजे (5.50 क्विंटल) की मप्र में कीमत करीब एक करोड़ रुपए है।

दवा कंपनी काे नीलाम हाे सकता है गांजा
एडीपीओ दिनेश यादव ने बताया गांजे के निष्पादन की प्रक्रिया हाेती है। यहां में इतनी बड़ी मात्रा में गांजा कभी जब्त नहीं हुआ है। इसलिए काेर्ट के आदेश का इंतजार करना हाेगा। गांजा कई बार दवा बनाने वाली कंपनी काे नीलामी में दिया जाता है। एक समिति काेर्ट के निर्देश पर गांजे का निष्पादन कराती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Hemp worth ~ 1 crore seized from truck in Hoshangabad, hidden in vegetable carrots


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zTnQto

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "होशंगाबाद में ट्रक से ~1 करोड़ का गांजा जब्त, सब्जी के कैरेट्स में छुपा रखा था"

Post a Comment