प्राॅपर्टी की खरीदी-बिक्री बढ़ी, रजिस्ट्री का आँकड़ा 7 दिन में साढ़े 7 सौ के पार

लॉकडाउन के कारण रजिस्ट्री दफ्तर भी बंद थे जिससे प्राॅपर्टी की खरीदी-बिक्री भी थम गई थी। 20 दिन पहले जब दफ्तर खुले तो पंजीयन का आँकड़ा धीरे-धीरे बढ़ने लगा। बाजार और दुकानें जैसे ही खुलीं और व्यापार धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा तो रजिस्ट्री की संख्या भी पहले की तरह ही बढ़ने लगी। पिछले 7 दिनों में ही साढ़े 7 सौ ज्यादा रजिस्ट्रियाँ हुई हैं। दस्तावेजों के पंजीयन ज्यादा होने से विभाग के पास राजस्व भी आ रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि िफलहाल रजिस्ट्रियाँ पुरानी गाइडलाइन से हो रही हैं जिससे भी लोग प्राॅपर्टी की खरीदी कर रहे हैं। जिले के चारों पंजीयन कार्यालयों में मकान, प्लाॅट और कृषि भूमि की रजिस्ट्रियाँ बड़ी संख्या में हो रही हैं। व्यापार में धीरे-धीरे तेजी आ रही है जिसके बाद प्राॅपर्टी का जो बाजार मंदा पड़ गया था और लोगों के एग्रीमेंट हुए थे अब उनके पंजीयन कराये जा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले सात दिनों में ही रजिस्ट्रियाँ 754 से ज्यादा हुई हैं। जिससे माना जा रहा है कि आर्थिक गतिविधियाँ भी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं। अधिकारियों के अनुसार प्राॅपर्टी की खरीदी-बिक्री पर पुरानी गाइडलाइन 30 जून तक लागू रहेगी व इममें जमीनों पर 5 फीसदी की छूट दी गई है, इसके अलावा भवनों पर 15 प्रतिशत की छूट रहेगी।
ऐसी बढ़ी संख्या
जबलपुर वन कलेक्ट्रेट कार्यालय, जबलपुर टू अँधुआ कार्यालय और पाटन सिहोरा िस्थत पंजीयन कार्यालय में पिछले सात दिनों में पंजीयन की संख्या बढ़ी। जिसमें पहले दिन 77, इसके बाद 101, 129, 132, 75, 103 और शुक्रवार को 142 से ज्यादा रजिस्ट्रयाँ हुईं। बीच में एक दिन बस पंजीयन की संख्या कम हुई है इसके बाद लगातार आँकड़ा बढ़ ही रहा है।पी-6
^रजिस्ट्रियाँ अब पहले की तरह ही होने लगी हैं, जिससे राजस्व भी बढ़ा है। यह जरूर है कि कोरोना वायरस को देखते हुए पूरी सावधानी बरती जा रही है। लोगों से भी यही कहा जा रहा है कि वे भीड़ न लगायें। अाॅफिस को भी सेनिटाइज कराया जाता है।
रजनेश सोलंकी, जिला पंजीयक
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