75 हाई रिस्क गांव में पहुंचेगा मलेरिया जागरूक रथ
पिछले साल जहां 1 जून तक मलेरिया के 11 पॉजिटिव केस मिले थे वहीं इस बार 2 केस बढ़ गए हैं। मलेरिया की रोकथाम के लिए हाई रिस्क 75 गांवों में जागरुकता के साथ ही दवा छिड़काव की जा रही है। इस अभियान के तहत सोमवार को कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मलेरिया की जांच के लिए इस बार 1 लाख 14 हजार 725 का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल के केस देखे जाएं तो 11 पॉजिटिव केस मिले थे, जो इस बार 13 पॉजीटिव केस हो चुके हैं। समय रहते बचाव के उपाय स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू कर दिए हैं। विभाग की ओर से हाई रिस्क गांवों में सर्वे शुरू कर दिया है। बुखार के मरीजों की जांच की जा रही है। मलेरिया अधिकारी दीपा पाठक ने बताया कि 75 गांवों में मलेरिया रथ पहुंचकर लोगों को जागरुक करेगा। जिसके लिए 4 ब्लॉक स्तरीय, 15 सेक्टर स्तरीय एवं 40 पंचायत स्तरीय कार्यशालाएं होंगी। 12 तारीख तक हाई रिस्क गांवों में ये रथ घूमेगा। जांच की सामग्री सहित पंपलेट बैनर रथ में रहेगा। जहां जरूरत पड़ती हैं वहां दवा का छिड़काव भी किया जाएगा। इस दौरान सीएमएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया, मलेरिया कंसलटेंट ज्ञानेन्द्र पाठक मौजूद रहे।
कोरोना के डर से 10 हजार जांच कम, पहले बुखार होने पर करवाते थे जांच
पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना के डर के कारण लोगों ने जांच कम कराई है। पहले जहां हल्का बुखार, सर्दी होने पर लोग जांच करवा लेते थे लेकिन इस बार कोरोना का डर ऐसा रहा कि लोगों ने जांच भी नहीं कराई। जिसका परिणाम रहा इस बार 27 हजार 901 जांच हुई हैं जबकि पिछले साल 38 हजार 570 जांच हुई थी। यानी 10 हजार 669 जांच कम हुई है। इस बार सबसे ज्यादा केस शाढौरा ब्लॉक में 6 मिले हैं जबकि अशोकनगर और चंदेरी में 3-3, बहादुरपुर में 1 मरीज मिला है।
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