सभी सीटों पर सवारी ले जाने की अनुमति फिर भी नहीं चलाईं बसें, संचालक बोले- टैक्स माफ करे सरकार
अब प्रदेश सरकार ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में पूरी सवारी क्षमता के साथ बस संचालन की छूट दे दी है, लेकिन जिले में बस ऑपरेटर अभी भी बसें चलाने को तैयार नहीं है। बस ऑपरेटर टैक्स माफी व बीमा आगे बढ़ाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इससे सवारियों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। हालांकि मुरैना रूट पर 8 जून से ही बसों का संचालन होरहा है।
8 जून को प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी सवारी के साथ बसें चलाने की अनुमति दे दी थी। इस आदेश के मुताबिक भोपाल, इंदौर व उज्जैन जिलों और अंतरराज्यीय परिवहन पर रोक थी। प्रदेश के अन्य जिलों में बसें चलाई जा सकती थीं लेकिन बस ऑपरेटरों ने किराया बढ़ाने, टैक्स माफ करने, किस्तों में छूट देने व बीमा आगे बढ़ाने की मांग करते हुए बसें नहीं चलाईं। अब सरकार ने 15 जून को नया आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के मुताबिक अंतरराज्यीय यात्री परिवहन पर अभी भी रोक है जबकि कोरोना हॉट स्पॉट जिले इंदौर, उज्जैन व भोपाल में 50 फीसदी यात्रियों के साथ बसें चलाने की अनुमति है। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में बस की सीट के मुताबिक सवारी लाने-ले-जाने की छूट दे दी गई है लेकिन सरकार की इस छूट से भी बस ऑपरेटर खुश नहीं है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक टैक्स माफी नहीं होगी तब तक न स्थानीय स्तर पर बसें चलेंगी न प्रदेश के अन्य जिलों के लिए।
जिले से सिर्फ मुरैना के लिए चल रही बसें
जिले में वर्तमान में सिर्फ श्योपुर से मुरैना के लिए ही बस का संचालन किया जा रहा है। 8 जून से ही छूट मिलने के साथ 50 फीसदी सवारी के साथ उक्त बस का संचालन शुरू हो गया था। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर सहित अन्य जिलों के लिए बसों का संचालन शुरु नहीं हो सका है। ऐसे में लोगों को ग्वालियर व शिवपुरी जाने के लिए निजी वाहनों का खर्च उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा कई लोग आने-जाने के लिए बाइक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
जिले के अंदर ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली का कर रहे इस्तेमाल
जिले के अंदर भी बसों का संचालन नहीं हो रहा है। विजयपुर, कराहल, मानपुर, बड़ौदा सहित जिले के अन्य कस्बों व गांवों में जाने वाली बसें भी बंद हैं। नतीजा ग्रामीणों का शहर आने-जाने के लिए अब ट्रैक्टर-ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है। शहर में ग्रामीण रोज ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठकर आ जा रहे हैं।
ऑपरेटरों ने बसें चलाने को लेकर नहीं लिया काेई निर्णय
बस ऑपरेटर यूनियन की ओर से सरकार के आदेश के दूसरे दिन मंगलवार तक बस संचालन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सिद्धेश्वर बस कंपनी के दुलीचंद्र अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने अप्रैल-मई का टैक्स माफ नहीं किया है। इन दोनों महीनों में बसों का संचालन नहीं हुआ है। ऐसे में बसों की किस्तें व बीमा तक निकल गया है। इसे भी माफ करने व बढ़ाने के लिए सरकार तैयार नहीं है। सीजन के तीन महीने लॉक डाउन में निकल गए हैं। अब बारिश का सीजन है, इसमें सवारी कम निकलती हैं। इससे कई बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान हुआ है। जब तक बसों का टैक्स माफ नही होता है, शायद ही बसों का संचालन शुरू हो सके।
अंतरराज्यीय यात्री परिवहन पर रोक, श्योपुर की ज्यादा बसों का संचालन राजस्थान में
प्रदेश सरकार ने अंतरराज्यीय यात्री परिवहन पर रोक लगाई है। ऐसे में करीब 80 फीसदी बसों का संचालन आदेश के बाद भी शुरू नहीं हो सकेगा। सबसे ज्यादा बसें राजस्थान के सवाई-माधौपुर और कोटा जिलों के लिए चलती है। इसके अलावा बारां, इटावा, जयपुर तक के लिए बसों का संचालन होता है। चूंकि श्योपुर राजस्थान से सटा हुआ है, ऐसे में यहां रेल रूट भी राजस्थान का ही पास पड़ता है। इसे लेकर ज्यादातर लोग इलाज से लेकर प्रदेश के दूसरे हिस्से में जाने के लिए भी राजस्थान रेल रूट सवाई माधौपुर का इस्तेमाल करते हैं, फिर चाहे उन्हें इंदौर जाना हो या भोपाल।
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