कबीर प्रेम की पीर के विलक्षण कवि- प्रो. शर्मा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन द्वारा संत कवि कबीर जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न राज्यों के अध्येताओं ने भाग लिया। प्रमुख अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा थे।


प्रो. शर्मा ने कहा कबीर प्रेम की पीर के विलक्षण कवि हैं। उन्होंने प्रेम तत्व को इस संसार के लिए परम आवश्यक माना है। वे लोक पीड़ा से व्यथित थे, इसलिये उन्हें नींद कैसे आ सकती थी। अध्यक्षता रचनाकार सुवर्णा जाधव मुंबई ने की।


संगोष्ठी में डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, अहमदनगर, डॉ. प्रभु चौधरी, वरिष्ठ कवि राकेश छोकर, जितेंद्र पांडे, नईदिल्ली आदि ने भी विचार रखे। आयोजन में दिल्ली के डॉ. संजीव कुमारी पानीपत, पुनीता कुमारी नई दिल्ली, डॉ. रूपाली चौधरी पुणे, डॉ. सुशीला पाल मुंबई, डॉ. विवेक मिश्र कोटा, डॉ. स्नेहलता शर्मा, संजीव पाटिल पुणे, कवयित्री दीपिका सुतोदिया गुवाहाटी, महिमा जैन मुरैना, प्रभा बैरागी उज्जैन, डॉ. बलिराम धापसे औरंगाबाद, डॉ. जितेंद्र पाटिल संगमनेर, डॉ. श्वेता पंड्या, पायल परदेशी महू, डॉ. सागर चौधरी आदि शामिल हुए। आभार साहित्यकार सुंदरलाल जोशी नागदा ने माना।



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