कोरोना से मुक्ति के लिए खेरे की देवी को चढ़ाया जल

कोरोना महामारी से पूरा समाज परेशान है, महामारी से मुक्ति दिलाने महिलाओं ने देवी देवताओं को मनाने के लिए कदम उठाया है। नगर की महिलाओं ने 12 सोमवार तक 12 गांवों में जाकर खेरे की देवी को जल चढ़ाकर कोरोना से मुक्ति के लिए मनाने का संकल्प लिया है।
सोमवार को करीब एक दर्जन महिलाएं नंगे पांव हाथ में जल कलश लेकर निकलीं। उन्होंने पहले दिन बड़ामलहरा के खेरे में विराजमान बार गुरईया माता, गौंड़नी माता और कात्यायनी माता मंदिर पहुंच कर जल चढ़ाया।
महिलाओं के जत्था की अगुवाई कर रही सुषमा सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए दवाओं एवं चिकित्सा विभाग काम कर रहा है। इसके साथ हमें अपने देवी-देवताओं को भी मनाना चाहिए, उनसे विनती करनी चाहिए। इसी उद्देश्य से हमने हर सोमवार क्षेत्र के 12 गांवों में जाकर उस गांव के चारों ओर खेरे में विराजमान देवी मंदिरों में जल चढ़ाने का संकल्प लिया है। हम देवी माता को जल चढ़ा कर कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए मनाएंगे। माता हमारी मुराद जरूर पूरी करेगी।

अबार माता के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु

लॉकडाउन के दौरान आम लोगों के लिए मंदिर, मस्जिद, पूजा घरों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। सोमवार से केंद्र सरकार की गाइड लाइन के तहत मंदिर आम लोगों के लिए खोले गए। सोमवार को सुबह 9 बजे अबार माता मंदिर के गेट खुले। पहले दिन बहुत ही कम संख्या में लोग माता के दर्शन करने पहुंचे। दूसरे दिन मंगलवार को भी कम संख्या में ही श्रद्धालु पहुंचे, हालांकि सोमवार की अपेक्षा कुछ ज्यादा संख्या रही। हालांकि इस दौरान मंदिर में सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया, लोगों को मंदिर में मास्क लगाकर ही आने को कहा गया। मंदिर खुलने के बाद दुकानदारों में भी उत्साह देखा गया, मंदिर के बाहर दुकानें सजाई गईं। जिससे वातावरण काफी खुशनुमा हो गया। हालांकि कम ग्राहक आने से विक्री नहीं हुई। लेकिन दुकानदारों ने कहा कि धीरे धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी , माता सबकुछ ठीक करेंगी।

लेखन महायज्ञ में युवाओं ने 10 पुस्तकाें में लिखा 1 लाख 87 हजार बार श्रीराम

हिंदू उत्सव समिति द्वारा आयोजित सवा करोड़ श्रीराम लेखन महायज्ञ को रैकवार समाज के काली माता मंदिर में कराया गया। सुबह मंदिर खुलने के बाद रायकवार केवट मांझी समाज ने सामूहिक श्रीराम नाम लेखन का आयोजन जवाहर रोड स्थित मंदिर में आयोजित किया। जिसमें बड़ी समाज के युवाओं ने लेखन करते हुए 1 लाख 87 हजार रामधन की 15 पुस्तकें एक साथ जमा की। समिति के महेंद्र रैकवार ने बताया कि समाज के निशादराज और केवट का भगवान श्रीराम के जीवन में विशेष स्थान रहा है।

निशादराज भगवान राम के परम मित्र थे और केवट जी ने भगवान राम को गंगा पार कराई थी। समिति का अगला कार्यक्रम बिजावर के जटाशंकर धाम में बुधवार की दोपहर साढ़े 12 बजे से और बिजावर के जानकी निवास में शाम साढ़े 5 बजे आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर समाज के उमाशंकर रैकवार, नवीन रैकवार, राजेंद्र रैकवार, मनोज, दिलीप, बाबूलाल, सुरेश, महेश, बॉबी रैकवार, पवन मिश्रा आदि मौजूद रहे।



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Water offered to the goddess of Khere for liberation from Corona


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