कायाकल्प के नाम पर चौराहों का कर रहे सत्यानाश, यू-टर्न लेना हुआ मुश्किल, स्कूल-कॉलेज खुलते ही लगेगा बेजा जाम

शहर के चौराहे जैसे तैसे जाम मुक्त हुए थे कि स्मार्ट सिटी के तहत फिर से चौराहों का सत्यानाश किया जा रहा है। शहर के सभी बड़े चौराहों पर डिवाइडर, आईलैण्ड व चैनेलाइजर बनाए जा रहे हैं। हाईकोर्ट चौराहा, रद्दी चौकी और तीन पत्ती चौराहे पर तो चारों तरफ के मार्गों पर आईलैण्ड व चैनेलाइजर बन भी चुके हैं और इनके बनने के बाद चौराहे बेहद सँकरे हो गए हैं। आलम यह है कि चौराहों पर जाम लगने लगा है शहर की लाइफलाइन कहलाने वाली मेट्रो बसों को टर्न लेने में खासी दिक्कतें हो रही हैं, अन्य लोगों को भी वाहनों को यू टर्न कराना मुश्किल हो रहा है।
चौराहों पर इस तरह के चैनेलाइजर व आईलैण्ड लॉकडाउन के पहले ही बनाए जाने थे। उस दौरान पूर्व ट्रैफिक एएसपी अमृत मीणा ने नगर निगम अमले के साथ चौराहों का निरीक्षण किया था और चौराहों पर ऐसा कुछ भी न बनाने की बात कही थी। क्योंकि ऐसा करने से चौराहों पर जाम के हालात निर्मित होते। उसके बाद भी नगर निगम के स्मार्ट सिटी अमले ने अनलॉक-1 होते ही चैनेलाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया।

अभी ऐसे बन रहे हालात

  • छोटी लाइन फाटक चौराहे की
  • भाँति चौराहे राहगीरों को कन्फ्यूज
  • कर रहे हैं।
  • लोगों को वाहन यू-टर्न करने में आ रहीं दिक्कतें, जाम लग रहा है।
  • बेतरतीब ऑटो-मेट्रो के कारण हालात बद से बदतर हो रहे हैं।
  • दशहरा, गणेश व अन्य पर्वों पर ट्रैफिक बेकाबू हो जाएगा।

क्या करना चाहिए था

  • चौराहों पर एडजस्टिंग डिवाइडर व चैनेलाइजर बनाए जाने थे।
  • बड़े चौराहों को सँकरा करने की बजाय, विधिवत लेफ्ट टर्न बनाए जाने थे।
  • ट्रैफिक पुलिस के विरोध के चलते चौराहों पर इस तरह का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • शहर के मिजाज और ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदारों को अपना बेहतर काम करना चाहिए।

इससे अच्छा होता कि रोटरी न हटाते
यदि स्मार्ट सिटी के तहत चौराहों का यदि इसी तरह सत्यानाश करना था तो फिर चौराहों से रोटरी हटाने की आवश्यकता ही क्या थी, क्योंकि अब जो जाम के हालात चौराहों पर बनेंगे वे बेहद बेकाबू करने वाले होंगे। खासकर स्कूल-कॉलेज खुलते ही सड़कों पर ट्रैफिक कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा।

हाईकोर्ट चौराहे व रद्दीचौकी पर आ रहीं दिक्कतें
तीन पत्ती से पहले हाईकोर्ट चौराहे व रद्दी चौकी पर इस के आईलैण्ड व चैनेलाइजर बनाए गए हैं और वहाँ का ट्रैफिक खराब हो गया, उसके बाद भी सबक न लेकर सबसे व्यस्ततम चौराहे तीन पत्ती की दुदर्शा स्मार्ट सिटी के नाम पर कर दी गई है।

करोड़ों की रकम खपा रहे
स्मार्ट सिटी के तहत शहर को करोड़ों की राशि केन्द्र सरकार से मिली है। इसे ही खपाने के चक्कर में बेढँगे काम शहर में किए जा रहे हैं। आवश्यकता न होने पर भी बड़े- बड़े फुटपाथ बनाकर और अब इस तरह के आईलैण्ड बनाकर शहर की सड़को को बर्बाद किया जा रहा है।
चौराहों पर इस तरह चैनेलाइजर व आईलैण्ड बनाने से जाम के हालात बनेंगे। इस तरह की चर्चा पूर्व एएसपी अमृत मीणा ने स्मार्ट सिटी अमले से चौराहों के निरीक्षण के दौरान की थी, उसके बाद भी ये बना दिए गए।- मयंक सिंह चौहान, ट्रैफिक डीएसपी



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Annihilation of intersections in the name of rejuvenation, difficult to take U-turn, school-college will be opened as soon as it opens


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