रनारा पहुंचा अमला, बयान लिए और पंचनामा बनाया

एक दिन पहले शनिवार को सामने आए शाजापुर के एक निजी अस्पताल में मरीज के हाथ-पैर बांधकर बंधक बनाने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के ट्विट के बाद प्रशासनिक अमला अलर्ट हुआ और ताबड़तोड़ जांच शुरू करा दी। रविवार को प्रशासनिक अमला पीड़िताें के साथ अस्पताल में हुए बर्ताव की हकीकत जानने के लिए उसके गांव रनारा पहुंचा।
पीड़ितोंसे जानकारी जुटाने के लिए सुबह 11 बजे ही शाजापुर तहसीलदार सत्येंद्र बैरवा अपने साथ पटवारियों की टीम लेकर रवाना हुए। राजगढ़ जिले के ग्राम रनारा पहुंचकर अधिकारियों ने पीड़ित लक्ष्मीनारायण पिता गुलाब (60) और उनकी बेटी टीना दांगी से पूछताछ की। अधिकारियों को भी पीड़ित व उसकी बेटी ने पैसे नहीं चुकाने पर ही बंधक बनाने की बात कही। इस पर अधिकारियों ने उनके बयान दर्ज किए। साथ ही गांव के सरपंच व अन्य लोगों को बुलाकर पंचनामा भी बनाया। ज्ञात रहे उक्त मामला सामने आने के बाद कलेक्टर दिनेश जैन ने इसकी जांच के लिए टीम बना दी है। अस्पताल की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम काम करेगी।

22 हजार खर्च करने के बाद भी आराम नहीं
मरीज लक्ष्मीनारायण की बेटी टीना ने कहा कि 1 से 5 जून तक अस्पताल में इलाज कराने के नाम पर 22 हजार रुपए खर्च हो गए। पेट दर्द होने पर आईसीयू में भर्ती कर दिया। जो शुरुआत में 5 और 6 हजार रुपए जमा कराए थे, वे आईसीयू के किराये के नाम पर ही काट लिए। इतना ही नहीं अन्य दवाई आदि मिलाकर 10-11 हजार रुपए अन्य खर्च हो गए, लेकिन इसके बाद भी पिता का पेटदर्द कम नहीं हो सका। वे अब भी परेशान हो रहे हैं।
छुट्टी दे दी, पर जांच के कागज भी नहीं दिए
टीना ने बताया कि दवाई व आईसीयू में भर्ती करने के नाम पर ही 20-22 हजार रुपए खर्च हो जाने के बाद भी अस्पताल वालाें ने 11 हजार 270 रुपए अलग से मांगे। ये पैसे नहीं चुकाने पर उन्होंने बीमार पिता को धक्के दिए। बाद में रस्सी से हाथ-पैर बांध दिए। जब मीडियाकर्मियों को यहां आने के बाद अस्पताल वालाें ने जबरन एक कागज पर लिखवाया कि अब बगैर पैसे लिए हम छुट्टी दे रहे हैं।



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