आठ महीने पहले जहां से लीकेज हुए थे पाइप, अब वहां धंसने लगी मिट्‌टी

कान्ह के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए बिछाई 99 करोड़ की कान्ह डायवर्सन लाइन एक बार फिर किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पिछले साल 24-25 अक्टूबर को ये लाइन जीवनखेड़ी में लीकेज हुई थी। भास्कर द्वारा इसके खुलासे के बाद जमकर हल्लामचा था और मामला भोपाल तक पहुंचा था। बाद में शासन ने लाइन बिछाने वाली कंपनी को ही लीकेज सुधारने के लिए भेजा था।

बड़ी मुश्किल से कंपनी ने लीकेज सुधारा था लेकिन उसी लीकेज स्थल ग्राम जीवनखेड़ी में बाबूलाल टिपानिया के खेत की जमीन धंसने लगी है। इसके अलावा सिकंदरी व गोठडा में किसान पदम सिंह पटेल, धनसिंह पटेल व रामसिंह आदि किसानों के खेतों में भी जमीन पोली होकर नीचे धंसने लगी है और गड्‌ढे हो रहे हैं। ऐसे में ये बुआई तक नहीं कर पा रहे हैं। हादसा होने की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों में भय व्याप्त है।

अफसर बोले- गड्‌ढों में भराव करवा दिया, बारिश हुई है तो परेशानी होगी

किसान बाबूलाल टिपानिया ने बताया बीते वर्ष लाइन लीकेज होने से वे खेती नहीं कर पाए थे। प्रशासन ने मुआवजे का आश्वासन दिया था वह नहीं मिला। अब भी बुआई करने जैसी स्थिति नहीं है। जल्द ही मामले में कलेक्टर से मिलकर समस्या से अवगत करवाएंगे। इधर इस संबंध में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री टीके परमार ने बताया गड्‌ढों में भराव करवा दिया है। थोड़ी बहुत बारिश हुई है तो परेशानी होगी, वरना ऐसी कोई बात नहीं।



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इस तरह जीवनखेड़ी के किसानों के खेतों में जमीन पोली होकर नीचे धंसने लगी है और गड्‌ढे हो रहे हैं।


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