बारिश में सड़कों का डामरीकरण जनता के पैसों की सीधी बर्बादी

टी टी नगर एबीडी एरिया में प्लेटिनम प्लाजा से टीनशेड तक निर्माणाधीन सड़क पर शुक्रवार को डामरीकरण हुआ। इस दौरान वहां बारिश हो रही थी, लेकिन काम नहीं रोका गया। दूसरी तरफ वैशाली नगर में नगर निगम सीमेंट-कांक्रीट की सड़क पर डामरीकरण कर रहा है। यह सीधे तौर पर जनता के पैसों की बर्बादी है। रोड कंस्ट्रक्शन मैन्युअल में 15 जून के बाद डामरीकरण पर रोक लगी है, तो आखिर इसकी कुछ वजह है। प्लांट में डामर का तापमान लगभग 80 डिग्री सेंटीग्रेड होता है और फील्ड में इसे लगभग 50 डिग्री सेंटीग्रेड पर बिछा कर प्रेस किया जाता है। इससे कम टेम्परेचर पर डामर टिक नहीं सकता। बरसात में 50 डिग्री के टेम्परेचर को मेंटेन नहीं किया जा सकता। बारिश के मौसम में डामरीकरण करने पर हलकी बारिश में ही डामर बह जाता है। वैसे भी पानी को डामर का दुश्मन कहा जाता है। यदि सड़क पर पानी भरे तो वहां गड्‌ढे हो जाते हैं। ऐसे में बरसात के दौरान या बरसात के मौसम में डामरीकरण टिक ही नहीं सकता।
गलती छिपाने के लिए सीमेंट-कांक्रीट की सड़क पर बिछा रहे डामर
यदि सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें बनाने में सीमेंट, गिट्‌टी और रेत का अनुपात ठीक रखा जाए तो यह सड़कें बरसों चलती हैं, लेकिन नगर निगम जो सड़कें बना रहा है वह साल-दो साल में खराब हो जाती हैं। पहले उनकी सीमेंट उखड़ती है, उसके बाद गिट्‌टी बाहर आ जाती है। फिर रेत भी निकलने लगती है। इस गलती को छिपाने के लिए इसके ऊपर डामर बिछाया जाने लगा है। यह एक गलत प्रेक्टिस है। ठीक से बेस बनाए बिना ऐसी सड़क भी लंबे समय तक नहीं टिक सकती।

वैशाली नगर...रहवासियों की आपत्ति के बाद रोका काम

वैशाली नगर की गलियों में पहले से बनी सीमेंट-कांक्रीट की सड़क पर डामरीकरण चल रहा है। स्थानीय रहवासी गीतेश राय ने अपने घर के सामने सीमेंट-कांक्रीट की सड़क पर डामर बिछाने का विरोध किया। उन्होंने नगर निगम के सिटी इंजीनियर पीके जैन से चर्चा की। जैन ने डिप्टी सिटी इंजीनियर एसएन दुबे को मौके पर भेजा। दुबे ने काम रुकवाया और तर्क दिया कि नगर निगम तो पहले ही डामरीकरण पर रोक लगा चुका है। इसके लिए सभी कॉन्ट्रैक्टर्स को लेटर भी जारी किया जा चुका है। निगम के इंजीनियरों की जानकारी के बिना ही यहां काम शुरू हो गया।

स्मार्ट सिटी में डामरीकरण रुकवाएंगे, वैशाली नगर के मामले की जांच होगी

बरसात में डामरीकरण तो एकदम गलत है। ऐसे में क्वालिटी को मेंटेन नहीं किया जा सकता। हम स्मार्ट सिटी में डामरीकरण रुकवाएंगे और वैशाली नगर के मामले की भी जांच होगी। आखिर इंजीनियरों की जानकारी के बिना काम कैसे चल सकता है और वह भी बरसात में डामरीकरण का। इस प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाएगी।
-वीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम और एक्जीक्युटिव डायरेक्टर स्मार्ट सिटी



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Asphaltization of roads in rain is a direct waste of public money


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