राजगढ़ नाके पर चार फीट और राजवाड़ा पर तीन फीट की माता प्रतिमा ही बैठाएंगे

त्योहारों को लेकर पहले जारी की गई गाइडलाइन में बदलाव किया गया है। अब राज्य सरकार ने नवरात्रि में गरबा पांडालों में 6 फीट से ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दे दी है। पंडाल भी बड़े लगाए जा सकेंगे। रामलीला और रावण दहन आयोजन भी हो पाएंगे। फिलहाल दशहरा को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जिले में नहीं पहुंचे। जहां तक नवरात्रि की बात है, शहर के बड़े गरबा मंडल उसी तरह से कार्यक्रम करेंगे, जैसा पहले तय किया था। उनका कहना है, अब समय नहीं है कि बड़ी मूर्ति बनवाई जाए। ऑर्डर दे चुके हैं और प्रतिमा बन रही है। स्थापना के एक दिन पहले यहां आ जाएगी।

इधर, मैरिज गार्डन वालों ने 500 लोगों की अनुमति मांगी : फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश टेंट एसोसिएशन की बैठक में भोपाल में रविवार को हुई। इसमें बताया गया, अभी सरकार ने 200 लोगों तक शादी के आयोजनों की अनुमति दी है। लेकिन सरकार से ये संख्या 500 करने की मांग की। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने मोबाइल से बैठक को संबोधित किया। उन्होंने इस मांग पर जल्दी निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। झाबुआ संगठन की ओर से जिला प्रभारी नीरजसिंह राठौर शामिल हुए। उन्होंने बताया, इस पर अक्टूबर के आखिर तक निर्णय होने की संभावना है।

नियम के इंतजार में नपा ने पहले ही 51 फीट के रावण का प्रस्ताव बना लिया था

कोराेनाकाल : नवरात्रि में इस बार ऐसा रहेगा स्वरूप

राजगढ़ नाका : राजगढ़ नाका मित्र मंडल आयोजन करता है। यहां 4 फीट की माताजी प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दे दिया गया है। इसके अलावा एक छोटी प्रतिमा भी होगी। ये जिले के 750 गांवों से बुलवाई गई मिट्‌टी से बनेगी। गरबे नहीं होंगे। आखिरी समय में अगर गरबों की अनुमति मिलती है तो कुछ व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग के साथ की जा सकती है। आरती पंडाल की साइज बढ़ाएंगे, इसका सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण होगा।

राजवाड़ा चौक : देवधर्मराज समिति का आयोजन होता है। यहां हर साल की तरह राजवाड़ा की रंगाई-पुताई हो रही है। आयोजकों ने बताया, राजवाड़ा की लाइटिंग हर साल की तरह ही होगी। माताजी की प्रतिमा 3 फीट की रखेंगे। गरबा के लिए ऑर्केस्ट्रा, स्टेज और सर्कल बनाने का काम नहीं किया जा रहा है। सुबह-शाम आरती होगी।

इस बार फीकी रहेगी नवरात्रि की रंगत

नगर में तीन बड़े गरबा मंडल द्वारा भव्य गरबा का आयोजन किया जाता है। राजवाड़ा चौक, राजगढ़ नाका और बुनियादी स्कूल परिसर में गरबे होते हैं। जिसे देखने बड़ी संख्या में ग्रामीण आते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण जारी की गई गाइड लाइन के चलते रौनक नजर नहीं आएगी।

गाइडलाइन में ये बदलाव हुए

  • प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची रखने की शर्त थी, ये हटा दी गई। पंडाल का साइज भी 10 बाई 10 फीट अधिकतम की जगह 30 बाई 45 फीट रख सकेंगे।
  • चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। गरबा भी नहीं होगा। बाकी नियम पहले की तरह हैं।

रावण दहन में भीड़ रोकना मुश्किल, 10 हजार से ज्यादा लोग आते हैं : सरकार ने रावण दहन की अनुमति भी दे दी है। नगर पालिका को भी गाइडलाइन का इंतजार था। पहले से परिषद ने प्रस्ताव पास करके रखा था। सोमवार को शर्तें देखकर प्रक्रिया की जाएगी। 51 फीट का रावण बनाने में 10-12 दिन का समय लगता है। 2018 तक ये आयोजन कॉलेज मैदान पर होता था। पिछले साल से राणापुर रोड के मैदान पर कर रहे हैं। ये आयोजन होता है तो कोरोना गाइडलाइन का पालन मुश्किल होगा। हर साल रावण दहन देखने 10 हजार से ज्यादा लोग आते हैं। इनमें से ज्यादातर गांवों से होते हैं। इतनी भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम पालन कराना संभव नहीं होगा।



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Only four feet of the statue will be placed at Rajgarh block and three feet at Rajwada.


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