जन्म के एक महीने बाद भी साधारण बच्चों की तरह हंसती, खेलती है बिना हाथ-पैर की बच्ची, लोग लाचार न समझे इसलिए मां ने नाम रखा दुर्गा, पिता का दर्द- सरकार से नहीं मिली मदद

प्रमोद साहू, बिना हाथ पैर के जन्म लेने वाली इस बच्ची का नाम दुर्गा है। नाम रखने के पीछे बच्ची की मां का कहना है कि कोई उनकी बेटी को लाचार न समझे इस वजह से उसका नाम दुर्गा रखा है। एक महीने पहले जन्मी मासूम बच्ची की चर्चा पूरे देशभर में है। बच्ची के जन्म के एक महीने बाद दैनिक भास्कर की टीम अब उनका हाल जानने उसके गांव सांकला पहुंची। मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज का है।
यहां दो कमरे के मकान में सोनू वंशकार का 12 सदस्यीय परिवार रहता है। बच्ची का जन्म 26 जून को घर में ही हुआ था। उस समय परिवार के सभी सदस्य चिंतित थे कि बिना हाथ-पैर की इस बच्ची का लालन-पालन कैसे होगा। 1 महीने बाद परिजनों की यह चिंता गायब होती दिखाई दे रही है।
बच्ची की मां प्रीति ने बताया कि बच्ची साधारण बच्चों की तरह ही हंसती, रोती और सोती है। अब वह परिवार का अहम हिस्सा बन गई है। हमारे एक बेटी और एक बेटा और है। जिस तरह से उनका लालन-पालन किया था। उसी तरह से अब इसकी देखरेख भी कर रहे हैं।उसकी दादी, बुआ और परिवार के अन्य सदस्य परिवार के अन्य बच्चों से ज्यादा उसका ध्यान रखते हैं।

बच्ची ट्रेट्रा एमिलिया नामक बीमारी से ग्रस्त है
दरअसल, दुर्गा ट्रेट्रा एमिलिया बीमारी से ग्रस्त है।डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी जेनेटिक है और परिवार के किसी सदस्य के जीन में दबी होगी। हालांकि सोनू के परिवार में इस तरह की बीमारी का सामना कभी किसी को नहीं करना पड़ा। सिरोंज अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि एक लाख में इस तरह की स्थिति बनती है। स्वास्थ्य विभाग में तो बच्ची से जुड़ी कोई योजना नहीं है। परिजनों को सामाजिक न्याय विभाग से सम्पर्क करना चाहिए।
पिता का दर्द... सीएम हाउस और विधायक से आश्वासन ही मिला
दुर्गा के पिता सोनू वंशकार का कहना है कि जन्म के बाद हम उसे लेकर पहले सिरोंज और फिर भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में पहुंचे। वहां के डाक्टरों ने भी उसे पूरी तरह स्वस्थ्य बताया। जब हम लौट कर आ रहे तो पहले सीएम हाउस पहुंचे और वहां पर बेटी की मदद के लिए आवेदन दिया। वहां से यह कह कर लौटा दिया कि गांव वापस जाओ जल्द ही मदद पहुंच जाएगी। हम कुरवाई विधायक हरि सप्रे से भी मिले और उन्होंने भी आश्वासन दिया लेकिन दोनों ही जगह से मदद आज तक नहीं मिली। आज तो हम हैं ही लेकिन बेटी के भविष्य की चिंता तो करना होगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
26 जून की सुबह 4 बजे अपने घर पर ही जन्म लेने के बाद से करीब एक सप्ताह तक चर्चा का विषय बनी रही इस बच्ची का हाल-चाल जानने के लिए शनिवार को दैनिक भास्कर की टीम सांकला गांव में उसके घर पहुंची।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2OTetxC

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "जन्म के एक महीने बाद भी साधारण बच्चों की तरह हंसती, खेलती है बिना हाथ-पैर की बच्ची, लोग लाचार न समझे इसलिए मां ने नाम रखा दुर्गा, पिता का दर्द- सरकार से नहीं मिली मदद"

Post a Comment