महिला के शरीर में ऑक्सीजन कम थी फिर भी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा, तबीयत बिगड़ी, मौत

जिले के कोरोना केयर सेंटर में गंभीर संदिग्ध मरीजों के इलाज में लगातार लापरवाहियां सामने आ रही हैं। गुरुवार को हिनौद गांव निवासी 45 वर्षीय महिला ने बीएमसी में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि महिला एक दिन पहले गंभीर स्थिति में कोरोना केयर सेंटर में क्वारेंटाइन हुईं थीं। जहां डॉक्टरों ने उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 68 प्रतिशत होने के बाद भी उन्हें बीएमसी रैफर करने में एक दिन का समय लगा दिया। नतीजा महिला की हालत इतनी बिगड़ गई कि जब तक वे बीएमसी पहुंची तब तक उन्हें बचाना बहुत मुश्किल हो गया। बीएमसी के सारी वार्ड में महिला ने महज 1 घंटे के भीतर ही दम तोड़ दिया। वहीं बीएमसी के सारी वार्ड में एक और संदिग्धों की मौत हुई है। यह मंडी बामोरा बीना निवासी 80 वर्षीय वृद्धा हैं, इन्हें भी गंभीर हालत में क्वारेंटाइन सेंटर से बीएमसी शिफ्ट किया गया था। दोनों मरीजों की जांच के लिए सैंपल वायरोलॉजी लैब में भेजे गए हैं। जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही इनके कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव होने की पुष्टि होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले भी एक कोरोना पॉजिटिव मरीज को मृत अवस्था में क्वारेंटाइन सेंटर से बीएमसी भेजा गया था। इनके अलावा बीएमसी के आईसीयू वार्ड में भर्ती 75 वर्षीय वृद्ध ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह छतरपुर के हरपालपुर गांव के निवासी थे, जिन्हें कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद बीएमसी रैफर किया गया। यहां दो दिन तक चले इलाज के बाद वृद्ध ने गुरुवार शाम दम तोड़ दिया।

बिना लक्षण वाले संदिग्धों को भी भेजा केयर सेंटर, होम आइसोलेशन अब भी नहीं किया

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ इनके संपर्क में आए लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा अब तक सभी को कोरोना केयर सेंटरों में भेजने का काम किया जा रहा है। इसमें भी जिन के पास राजनैतिक या प्रशासनिक पावर है, उन्हें होम आइसोलेट कर रहे हैं और अामजन को कोरोना केयर सेंटरों में बंद कर देते हैं। जबकि बगैर लक्षण वाले लोगों को होम आइसोलेट करने का नियम है, जिस पर अब प्रदेशभर में अमल किया जा रहा है लेकिन सागर में अफसर अब भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना केयर सेंटरों में क्षमता से अधिक संदिग्ध भर दिए जाते हैं और ऐसे गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को न तो समय पर इलाज मिल रहा है और न ही उन्हें बीएमसी शिफ्ट किया जा रहा है।

महिला कर्मचारी, कपड़ा व्यापारी समेत 7 नए पॉजिटिव मिले

जिले में गुरुवार को 7 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से 4, इंदौर की निजी लैब से 2 और भोपाल के निजी अस्पताल से 1 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। 7 नए पॉजिटिव मिलाकर जिले में कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 671 पर पहुंच गया है। वहीं बीएमसी से गुरुवार शाम 10 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौटे। जिसके बाद डिस्चार्ज हुए मरीजों की संख्या 498 हो गई है।
जानकारी के अनुसार कैंट निवासी 23 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जो सेना के जवान हैं और 12 दिन पहले ही महाराष्ट्र स्थित अपने घर से लौटे हैं। हालांकि सेना के नियम के हिसाब से इन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन रखा गया था, इस दौरान हुई सैंपलिंग में जवान पॉजिटिव मिला। वहीं बंडा निवासी 24 वर्षीय युवक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इनकी बंडा में कपड़े की दुकान है। इनके अलावा एमआईजी कॉलोनी तिली निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति और पदमाकर नगर निवासी 76 वर्षीय वृद्ध भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं इंदौर की निजी लैब से मिली रिपोर्ट में बीना निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति और कलेक्ट्रेट में पदस्थ 54 वर्षीय महिला कर्मचारी पॉजिटिव मिलीं हैं। इनके अलावा भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में भर्ती राहतगढ़ निवासी 48 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट भी पॉजिटिव मिली है। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ggWrBo

Share this

0 Comment to "महिला के शरीर में ऑक्सीजन कम थी फिर भी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा, तबीयत बिगड़ी, मौत"

Post a Comment