एक लाख के लोन पर 40 % सब्सिडी का प्रलोभन देकर 3 राज्यों की 28 हजार महिलाओं से 4.53 करोड़ की धोखाधड़ी

मप्र समेत गुजरात और राजस्थान में करीब 28 हजार महिलाओं से लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनी के उज्जैन के जीवाजीगंज थाना पुलिस ने पकड़ा है। कंपनी से जुड़े एजेंटों ने उसे रिश्तेदार के घर से पकड़ा दिया। बताते हैं कि चिटफंड कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने 4.53 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की लेकिन शुक्रवार को उज्जैन पुलिस ने गुजरात व राजस्थान समेत पकड़ाएं मुंशी के गृहनगर धार जिले में धोखाधड़ी के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि किसी भी थाने में कोई रिपोर्ट ही दर्ज नहीं है।
झाबुआ निवासी श्यामलाल व उसके साथियों ने गुरुवार रात 1 बजे ढाबा रोड पर रिश्तेदार के यहां से मेघनगर निवासी ओमप्रकाश बैरागी को पकड़कर जीवाजीगंज थाना पुलिस के हवाले किया।
एक लाख के लोन पर 40 % सब्सिडी...

एजेंट श्यामलाल व अन्य का कहना था कि अहमदाबाद के नवरंगपुरा से यूनिटी फाउंडेशन नामक एनजीओ को गुजरात का दीपक राजपूत संचालित किए था। उसने एनजीओ की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महिलाओं को चेक बांटते फोटो लगाया हुआ है। यहीं फोटो दिखाकर उसने पहले कई लोगों को एजेंट व कर्मचारी के रूप में एनजीओ से जोड़ा, फिर उनके माध्यम से प्रत्येक महिला को 1600 रुपए लेकर यह कहते सदस्य बनाया कि उन्हें एनजीओ एक लाख रुपए का लोन देगा जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत की सब्सिडी दिलायी जाएगी। लोन लेने वाली महिलाओं को सिर्फ 60 हजार रुपए ही जमा करना होंगे। 40 हजार रुपए सरकार सब्सिडी देकर माफ कर देगी। शुक्रवार को पुलिस ने इस संदर्भ में जानकारी जुटाई लेकिन संबंधित मुंशी अथवा एनजीओ के खिलाफ कहीं भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होना पायी गई। जीवाजीगंज सीएसपी एआर नैगी ने बताया कि राजस्थान बांसवाड़ा के कुशलगढ़ थाना एसआई प्रभुलाल समेत गुजरात व धार पुलिस से भी बात करने पर यहीं जवाब मिला कि उनके यहां रिपोर्ट व शिकायत इस संदर्भ में नहीं है। यहां का घटनास्थल भी नहीं है। संबंधित व्यक्ति को पूछताछ व नामपता नोट किए जाने के बाद छोड़ देंगे वैसे भी वहां कंपनी में मात्र कर्मचारी ही है।
एजेंट बोले अब रिपोर्ट करेंगे, पहले घबराए हुए थे
धोखाधड़ी के शिकार कई एजेंट भी हुए है। एजेंट श्यामलाल ने बताया कि अभी तक किसी भी एजेंट ने थाने में शिकायत व रिपोर्ट इस डर से नहीं की थी कि कहीं उन पर ही कार्रवाई न हो जाए। इसीलिए इतने दिनों से कंपनी के संचालक राजपूत व उससे जुड़े साथियों को खोज रहे थे। मुंशी ओमप्रकाश को इसलिए पकड़वाया ताकि उससे पुलिस पूछताछ कर पता लगा सके। जीवाजीगंज पुलिस से चर्चा के बाद धार जिले में रिपोर्ट करेंगे, जहां लेनदेन हुआ था।

पुलिसकर्मी जवान को सूचना मिली उसने एएसपी को बताया फिर रात में ही पकड़ लिया
एनजीओ में काम करने वाले मुंशी ओमप्रकाश बैरागी निवासी मेघनगर के बारे में गुरुवार रात को सबसे पहले पुलिस कंट्रोल रूम पर पदस्थ एक अधिकारी के सुरक्षाकर्मी को सूचना मिली। ढाबा रोड पर ही रहने वाले परिचित ने उन्हें जानकारी देकर धोखाधड़ी से संबंधित दस्तावेज भी वाट्सएप किए। यह भी बताया था कि उक्त व्यक्ति ने उसके रिश्तेदार को भी ठगा है। पुलिस जवान ने एएसपी को फोन कर सूचना दी जिसके बाद रात में ही जीवाजीगंज थाना एसआई प्रमोद भदौरिया मौके पर पहुंचे और ओमप्रकाश को पकड़कर थाने ले गए। शुक्रवार को कई एजेंट थाने पहुंचे और पुलिस से रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की लेकिन जीवाजीगंज पुलिस का कहना था कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अन्य शहरों में भी कोई शिकायत व केस नहीं है और न ही उज्जैन में कोई घटना उसके द्वारा की गई तो फिर कैसे गिरफ्तार करे।



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