सुसाइड नोट में धर्मदास ने लिखा- हम लोग सीधे-साधे हमारे साथ फ्रॉड किया गया इसलिए लगा रहे हैं फांसी

जिले के खरगापुर में सोनी परिवार के पांच लोगों के शव घर में फंदे पर लटके मिले थे। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि जमीन बेचने का विवाद परिवार के लोगों में चल रहा था। रविवार देररात पुलिस ने एक बार फिर कमरे को खंगाला और मामले की छानबीन की। जिसमें पिता और बेटे के दो अलग-अलग सुसाइड नोट मिले।
सुसाइड नोट में पिता धर्मदास और बेटे मनोहर ने प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया है। सूत्रों के अनुसार धर्मदास के सुसाइड नोट के कुछ अंश ऐसे हैं, जिसमें उन्होंने कहा हमारा परिवार बहुत सीधा-साधा है, जमीन बेचने के नाम पर परिवार के लोगों ने और खरीददार ने हमारे साथ फ्रॉड किया है। जिसके चलते मजबूरन हमें फांसी लगाना पड़ रही है। पुलिस अभी मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। जिस पर पुलिस ने खरीददार सहित परिवार के 9 लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
दरअसल खरगापुर के वार्ड नंबर 8 में रहने वाले धर्मदास सोनी उम्र 63 वर्ष एक साल पहले विटनरी विभाग से रिटायर्ड हुए थे। घर में परिवार घुल मिलकर रह रहा था। अचानक रविवार सुबह धर्मदास सोनी, पत्नी पूना सोनी, बेटा मनोहर सोनी, बहू सोनम सोनी और चार वर्षीय पोते सानिध्य सोनी का शव फंदे पर लटकता मिला था। यह खबर नगर में आग की तरह फैली गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को बरामद किया। पांचों मृतकों के शवों को देखकर कई कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पिता धर्मदास और बेटे मनोहर सोनी के पास सुसाइड नोट मिलने पर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया। इस घटना में पुलिस ने मुख्य आरोपी जमीन खरीददार रामेश्वर जड़िया को बनाया गया।
रात की घटना कुछ यूं बयां कर रही कहानी
रोज की तरह रात में घर पर सभी लोग मौजूद थे। मां पूना और बहू सोनम ने सभी के लिए खाना तैयार कर लिया था। घर में पुड़ी और सब्जी बनाई गई थी, परिवार को नहीं पता था कि घर में बना भोजन परिवार के सदस्य खा पाएंगे की नहीं। इसी दौरान जमीन बिक्रय के रुपयों को लेकर फिर से चर्चा होने लगी। लेनदेन को लेकर पूरा परिवार बहुत दुखी था, लेनदेन में खरीददार और परिवार वालों द्वारा किए गए धोखाधड़ी से सभी लोग आहत थे। जिससे पिता और बेटे ने इतना बढ़ा निर्णय ले लिया। पूरे परिवार ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। लोगों का कहना है कि घर में तांत्रिक विद्या से जुड़ी कुछ सामग्री भी मिली है, जो संदेहास्पद है।
33 लाख 11 हजार रु. की रजिस्ट्री, 54 लाख रुपए नकद
सूत्रों का कहना है कि बेची गई जमीन की रजिस्ट्री 33 लाख 11 हजार रुपए की हुई थी, लेकिन दोनों के बीच सौदा 54 लाख रूपए का हुआ था। जिसमें दो भाई राजेंद्र और विजय को 18-18 लाख रुपए मिल गए थे। बाकी 18 लाख रुपए मृतक को मिलना थे, रजिस्ट्री के पहले मृतक के खाते में 6 लाख 70 हजार रुपए का चैक डाल दिया गया। इसके बाद रजिस्ट्री गई थी। फिर खरीददार ने नकद रुपए दिए।
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