4 महीने में लगा 4500 टन कचरे का ढेर, निपटान के लिए निगम को है बारिश थमने का इंतजार

शहर से निकलने वाले कचरे को निगम द्वारा राजा हरिशचंद्र मुक्तिधाम मार्ग के पास प्रस्तावित कचरा ट्रांसफर स्टेशन की जमीन पर चार महीने से एकत्र किया जा रहा है। शहर से प्रतिदिन करीब 40 टन कचरा निकल रहा है। इस मान से जून से अब तक करीब 4500 टन कचरे का ढेर यहां लग गया है। इस कचरे के निपटान के लिए अब स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की तैयारी कर रहे निगम को बारिश थमने का इंतजार है। चार महीने से ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 300 टन कचरे का रोज निपटान करने की क्षमता वाली ट्रॉमेल मशीन बंद पड़ी है। वहीं गीले कचरे से खाद बनाने के लिए 35 लाख रुपए लागत से खरीदी आधुनिक मशीन का उपयोग बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहा है।
एमआरएफ में भी बंद पड़ी हैं मशीनें
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बनाए मटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएफ) में भी फिलहाल मशीनें बंद पड़ी हैं। इसका कारण भी बारिश में कचरा भीगना बताया जा रहा है। यहां एग्लो, गट्टा, फटका, शेडर, बेलिंग मशीन कचरे का निपटान करने के लिए है।
इधर फिकल स्लज के पास हरियाली ने ट्रेंचिंग ग्राउंड की बढ़ाई सुंदरता
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर एक तरफ मशीनें बंद हैं, लेकिन यहां बनाए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी से पौधों में अब आकर्षक फूल खिलने लगे हैं। इससे ट्रेंचिंग ग्राउंड की सुंदरता बढ़ रही है।
बारिश थमने के बाद ये करेगा निगम
- सबसे पहले मुक्तिधाम रोड पर एकत्र किए कचरे को ट्रॉमेल मशीन तक पहुंचाया जाएगा। इस मशीन से पूरी क्षमता से कचरा निपटान करने के लिए यहां विशेष रूप से जेसीबी की व्यवस्था की जाएगी।
- सब्जियों के गीले कचरे से खाद बनाने के लिए पिछले सर्वेक्षण में खरीदी अत्याधुनिक मशीन को चालू करने के लिए बिजली कनेक्शन लिया जाएगा।
- प्रतिदिन व्यवस्थित रूप से कचरा निपटान करने के लिए यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से कर्मचारियों को भी तैनात किया जाएगा।
- गीले कचरे को खाद पीट में डालने से पहले प्लेटफार्म पर सुखाया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही यहां प्लेटफार्म का निर्माण किया जाएगा।
- नालों का पानी फिल्टर कर इस पानी का उपयोग आसपास के क्षेत्रों में पौधों की सिंचाई के लिए किया जाएगा।
- बारिश थमने के एक सप्ताह बाद शुरू हो जाएगा कचरा निपटान
बारिश थमने के एक सप्ताह बाद ही ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा निपटान का काम शुरू हो जाएगा। बारिश में एकत्र किया कचरा सूखने पर सीधे ट्रॉमेल पर भेजा जाएगा। एमआरएफ के लिए एक और मशीन खरीदी जाएगी।
शाहीन खान, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी
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