संक्रमितों को घर में रहना पसंद, लेकिन अब कम ऑक्सीजन फ्लाे वाले कोविड मरीजाें काे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा

काेराेना संक्रमित होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग अब इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने से बच रहे हैं। ऐसे लोग होम आइसोलेशन के लिए न सिर्फ तमाम तरह के बहाने बनाते हैं बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक सिफारिश भी लगवा रहे हैं। इस कारण इंसीडेंट कमांडर्स परेशान हैं। इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत भी की गई है और कहा गया है कि ऐसे में कई मरीज खतरनाक स्थिति में होते हैं क्योंकि जिनमें संक्रमण ज्यादा हो, वे घर में रहकर पर्याप्त इलाज नहीं ले सकते। अब प्रशासन ने तय किया है कि जिन लोगों को ऑक्सीजन प्रतिशत तय मानकों से कम होगा, उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अब हाेम आइसोलेशन से पहले लक्षण और ऑक्सीजन प्रतिशत देखा जाएगा

  • ऐसे लोग, जिनमें बहुत हल्के लक्षण या लक्षण बिल्कुल नहीं दिख रहे हों। उन्हें प्रशासन द्वारा होम आइसोलेट कर दिया जाता है और अब उन्हें दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाने के लिए आदेश हो चुके है। लेकिन जिन लोगों में ऑक्सीजन फ्लाे प्रतिशत 95 से कम रहता है उन्हें होम आइसोलेट करना खतरनाक साबित हो सकता है साथ ही जिनमें खांसी, जुकाम और बुखार लगातार बना रहता है। उनसे घर के दूसरे लोगों में संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा रहता है। अब ऐसे लक्षण वाले संक्रमितों को होम आइसोलेट नहीं किए जाने के लिए सख्ती बरती जाएगी। संक्रमितों के कई बहाने... घंटों तक एंबुलेंस और टीम को खड़े रखते हैं
  • थाटीपुर स्थित बैरक क्वार्टर में पिछले सप्ताह एक बुजुर्ग महिला को संक्रमण निकला। इंसीडेंट कमांडर्स की टीम एंबुलेंस लेकर उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए पहुंची। पहले महिला और उनके परिजनों ने इससे इनकार किया। परिवार इस जिद पर अड़ गया कि महिला को होम आइसोलेशन में ही रखा जाए। आधे घंटे बहस के बाद उन्हें होम आइसोलेट कर दिया गया और टीम व एंबुलेंस लौट गई। अगले दिन सुबह उनकी तबियत बिगड़ने पर फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
  • नारायण बिहार में संक्रमित निकले एक करीब 40 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण ज्यादा दिख रहा था। टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा, लेकिन वे खुद को कोई लक्षण न होने का दावा करते हुए घर में कैद हो गए। टीम के अधिकारियों ने उनके परिजनों को समझाया तो उन्होंने भी होम आइसोलेशन के लिए ही कहा। जबकि संक्रमित व्यक्ति को तेज खांसी और जुकाम थे। काफी बहस के बाद टीम करीब एक घंटे बाद उन्हें अस्पताल ले जा पाई।

जिनमें गंभीर लक्षण और ऑक्सीजन फ्लो कम, उन्हेंं होम आइसोलेट नहीं करेंगे
होम आइसोलेशन में सिर्फ उन लोगों को अनुमति दी जाती है जो हल्के लक्षण वाले संक्रमित हैं और उनके पास घर में सबसे अलग रहने की व्यवस्था हो। लेकिन पिछले कुछ दिनों में गंभीर लोगों के भी होम आइसोलेशन की शिकायतें आई हैं। अब सभी संबंधित अधिकारियों को बता दिया गया है कि जिनमें गंभीर लक्षण दिख रहे हैं और ऑक्सीजन प्रतिशत तय मानक के अनुरूप नहीं है। उन लोगों को किसी भी सूरत में होम आइसोलेट नहीं किया जाए।
- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर



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फाइल फोटो


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