कृषि और केसीसी लोन की प्रक्रिया पारदर्शी हो, किसानों को परेशान न करें
कृषि एवं केसीसी लोन की प्रक्रिया पारदर्शी हो, किसानों को परेशान न किया जाए। इसकी जवाबदारी तय की जाए। अनुदान व सब्सिडी बंद कर प्रति हेक्टेयर से उत्पादन लागत पर अनुदान राशि सीधे उनके खाते में जमा की जाए।
भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत मप्र खंडवा द्वारा मंगलवार को किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर पुरानी कृषि उपज मंडी में प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन तहसीलदार जेएस अवास्या काे सौंपा। भाकिसं अध्यक्ष धरमचंद गुर्जर ने ज्ञापन में बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खेत को इकाई माना जाए, फसल बीमा योजना में किसानों द्वारा जमा की गई राशि तथा बैंकों द्वारा केसीसी लिमिट से काटी गई राशि की पावती बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को देने के आदेश दिए जाएं। कृषि कार्य में लगने वाले सभी यंत्रों व रासायनिक दवाइयों, बीज पर जीएसटी की दर न्यूनतम की जाएं। किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। बैंक के द्वारा कृषि लोन व केसीसी देने की प्रकिया को पारदर्शी बनाकर ऑनलाइन किया जाए। मुद्रा लोन की तरह किसानों को तत्काल कृषि लोन देने की प्रक्रिया शुरु की जाए। कृषि कार्य में लगने वाले डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएं। वर्षा मापक यंत्र सभी पंचायतों में लगाएं जाएं। सभी जिलों में कृषि महाविद्यालय खोले जाएं। वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए सरकारी वन सीमा सुरक्षा क्षेत्र को सुदढ़ कर खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली जानवरों को उसमें रोका जाएं। नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएं।
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