रविवार को स्टॉक खत्म होने के साथ ही पॉजिटिव मरीजों के परिजन मेडिकल स्टोर्स पर दिनभर काटते रहे चक्कर

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लगने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन की शहर में बड़ी शॉर्टेज हो गई है। रविवार को शहर में एक भी इंजेक्शन मरीजों को नहीं मिल सका। परिजन इंजेक्शन की आस लेकर दुकानों पर पहुंचे लेकिन निराश ही लौटना पड़ा। हालांकि, सोमवार को बाजार में इंजेक्शन आने की उम्मीद है।
कोरोना के खिलाफ जंग में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। मेडिकल कॉलेज में माइल्ड टू मॉडरेट पॉजिटिव मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। यह इंजेक्शन शहर के चिन्हित मेडिकल स्टोर पर ही मिल रहे हैं। लेकिन, रविवार को शहर में इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो गया। आलम ऐसा था कि मरीज के परिजन अन्य शहरों से इंजेक्शन मंगवाने के लिए भी प्रयास करते रहे। जानकारों के मुताबिक इंदौर का मार्केट बंद होने के कारण ऐसी स्थिति बनी।

शहर में तीन कंपनियां कर रही सप्लाई
शहर में इसकी सप्लाई तीन कंपनियां कर रही हैं। इनमें जाइडेस केडिला, हेट्रो व सिप्ला शामिल है। जाइजेडस केडिला का इंजेक्शन 2800 रुपए का है, जो ग्राहक को करीब 2600 रुपए का दिया जा रहा है। बाजार में ये इंजेक्शन सबसे सस्ता है। एक मरीज को 6 इंजेक्शन का डोस लगता है। इंजेक्शन की शॉर्टेज अन्य शहरों में भी बनी हुई है, ऐसे में स्टाॅकिस्टों को भी मांग के मुताबिक इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं।

7 बजे आखिरी मरीज को लगा इंजेक्शन

एसोसिएशन के माध्यम से 120 इंजेक्शन मंगवाए गए थे।
रविवार सुबह 7 बजे 120 इंजेक्शन का स्टाॅक खत्म हो गया।
तीन कंपनियाें में करीब 800 इंजेक्शन का स्टाॅक अभी पेंडिंग है।
एक कंपनी में 300, दूसरी कंपनी में 200 व तीसरी कंपनी में 300 इंजेक्शन का ऑर्डर दे रखा है।
सोमवार को कुछ सप्लाई बहाल होने की उम्मीद है।

तत्कालीन कलेक्टर चौहान ने मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध करवाए थे इंजेक्शन
अगस्त महीने के शुरुआत में ये इंजेक्शन तत्कालीन कलेक्टर रुचिका चौहान और कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध करवाए थे। जिन मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन 90 से 94% तक रहता था, उन्हें ये इंजेक्शन दिया जा रहा था। इसके लिए विशेष कमेटी बनी थी।

सख्ती जरूरी... मेडिकल स्टोराें पर निगेटिव मरीजों के लिए भी आ रही डिमांड
अभी कोरोना संदिग्ध मरीजों के परिजन भी डॉक्टर की पर्ची लेकर मेडिकल स्टोरों पर पहुंच रहे हैंं। हालांकि, स्टोर पर सिर्फ पॉजिटिव मरीजों के परिजन को ही इंजेक्शन देने के आदेश हैं। परिजन को आधार कार्ड, पॉजिटिव की रिपोर्ट, मोबाइल नंबर और डॉक्टर का लिखा हुआ पर्चा लेकर पहुंचना होता है। वहीं, कुछ पर्चे मेडिकल कॉलेज की बिना सील के भी पहुंचे हैं।

^इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए हमने सुबह 5 बजे तक प्रयास किए। रविवार को भी नागपुर, अहमदाबाद में भी बात की। शॉर्टेज सभी जगह है। पूरे प्रयास है कि सोमवार को इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे।
सारिका अग्रवाल, ड्रग इंस्पेक्टर, रतलाम
^माइल्ड टू मॉडरेट मरीजों को इंजेक्शन दिए जाते हैं, अन्य इलाज भी जारी रहता है। मरीज या परिजन से पूछकर मंगवाए जाते हैं। अवेलेबिलिटी की जानकारी फिलहाल नहीं है।
डॉ. जितेंद्र गुप्ता, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज​​​​​​​



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As the stock ran out on Sunday, families of positive patients kept wandering all day at the medical stores.


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