टीडीआर पर 287 सुझाव, सरकार इन पर विचार करेगी, सुनवाई नहीं

टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट) पाॅलिसी जारी करने से पहले नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने कोरोना काल से पहले जो दावे, आपत्ति, सुझाव आमजन से बुलाए थे, उनकी सीधी सुनवाई करने के बजाय गंभीरता से विचार किया जाएगा। करीब 287 लोगों ने सुझाव, आपत्ति पेश की थी। हालांकि अधिकांश दावों में किसानों, जमीन मालिकों को गलतफहमी थी कि उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, जबकि ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में टीडीआर का उपयोग किया जाना प्रस्तावित किया है।
वहीं सरकार पाॅलिसी जारी करने से पहले बेस टीडीआर (टीडीआर खरीदने की बेस प्राइज) भी कम कर सकती है। इसका फायदा टीडीआर बेचने और खरीदने वाले को भी होगा। स्मार्ट सिटी व अन्य सड़कें चौड़ी करने में जिन लोगों की जमीन गई है उन्हें यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जमीन मालिक चाहें तो खुद इसका उपयोग कर सकते हैं या फिर किसी बिल्डर, कॉलोनाइजर को बेच भी सकते हैं।
फिलहाल शहर के बाहरी इलाकों में जहां पर्याप्त चौड़ी सड़कें हैं, जहां पर हाईराइज बिल्डिंग की परमिशन दी जा सकती है वहां टीडीआर के इस्तेमाल की प्लानिंग की है। दो माह पूर्व दावे, आपत्ति, सुझाव बुलाए गए थे। जमीन मालिक की जितनी जमीन गई है, उस पर जितना निर्माण किया जा सकता था, उस हिसाब से प्रमाण पत्र जारी किया जाना है। बिल्डर को जितनी ऊंची मल्टी, हाईराइज की अनुमति मिली है उससे ज्यादा निर्माण वह टीडीआर खरीदकर कर सकता है।
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