सीएमओ ने नपा में लगे 80 मस्टरकर्मियों को हटाया, बोले नपा पर प्रतिमाह 10 लाख का पड़ रहा था आर्थिक बोझ

सीएमओ राधेश्याम मंडलोई ने नपा में लगे कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (मस्टरकर्मियों) को हटाने के लिए आदेशित किया है। सीएमओ की माने तो नगर सहित आसपास के क्षेत्रों के लोग भी दैनिक वेतनभोगी के रूप में नगर पालिका में कार्यरत थे। अकारण कार्यरत इन दैनिक वेतनभोगियों के कारण नपा पर करीब 10 लाख रुपए प्रतिमाह का अतिरिक्त भार था। वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है इसी कारण से शासन के आदेश के अनुरूप इन मास्टरकर्मियों को हटा दिया गया है।
सीएमओ ने बताया प्रभार लेने के बाद जब उन्हें नपा में मस्टरकर्मियों की संख्या की जानकारी मिली तो तुरंत उन्होंने अधीनस्थ कर्मचारियों को सूची तैयार करने के निर्देश दिए। करीब 63 आवश्यक मस्टरकर्मियों को छोड़ शेष सभी को हटाने के लिए आदेशित किया। सभी शाखाओं से लिस्ट देखकर इनकी छंटनी की जा रही है। ऐसे मस्टर कर्मचारी जिनकी सक्षम स्वीकृति नहीं है। पीआईसी या परिषद से प्रस्ताव नहीं है। शासन से स्वीकृति नहीं है। ऐसे मस्टरकर्मियों को मंगलवार से पदमुक्त कर दिया है। केवल पात्र मस्टरकर्मियों को ही रखा गया है। सभी मस्टर कर्मचारियों को भी मौखिक सूचना दे दी गई। जैसे ही यह सूचना पदमुक्त हुए मस्टरकर्मियों को मिली वे नगर पालिका परिसर में एकत्रित हो गए। उनका कहना था कि कोविड 19 में हमने अपने व परिवार के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना ड्यूटी की है। हटाने पर बेरोजगार हो जाएंगे। जो मस्टरकर्मी कार्य पर नहीं आ रहे हैं। उन्हें हटाए। हमें नहीं। इसके बाद यदि हटाते हैं तो भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने फिर से रखने की मांग की है।
आउटसोर्सिंग से लेंगे काम
सीएमओ ने बताया शासन के आदेशानुसार मस्टर पर प्रतिबंध है। यदि कार्य की आवश्यकता होगी तो नपा में आउटसोर्सिंग के आधार पर कर्मचारी रखे जाएंगे। इसके लिए निविदा बुलाई जाएगी। जिन निविदाकरों के भाव पत्र कम होंगे। उन पर आउटसोर्सिंग पर काम कराया जाएगा। अवैधानिक रूप से लगे मस्टरकर्मी को हटाया जाना निश्चित है। ये किन परिस्थितियों में लगे हैं। इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया बिना स्वीकृति के मस्टर पर रखे गए। मस्टर कर्मचारियों की हाजरी जिनके द्वारा भरी जा रही थी वे सक्षम नहीं है। नगर पालिका कर्मचारी संघ अध्यक्ष सुनील यादव से मस्टर कर्मचारियों ने चर्चा की। इसके बाद सीएमओ मंडलोई को आवेदन सौंपा। उन्होंने कहा मस्टर कर्मियों द्वारा कोरोना काल में गंभीर बीमारी में जान जोखिम में डाल कर कार्य किया गया है। जो मस्टरकर्मी वास्तव में काम कर नहीं रहे है या नहीं आते हैं। केवल उन्हें चिंहित कर हटाया जाए।



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CMO removed 80 muskmen engaged in NAPA, said that NPA was facing financial burden of 10 lakhs per month


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