शिक्षिका का जवाब- ‘8 साल तक पढ़ाने से दूर रही, इसलिए अब पढ़ा पाना संभव नहीं’
गणित विषय से एमएससी करने वाली उस महिला शिक्षका की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जिसने हाई और हायर सेकेण्डरी क्लास को पढ़ाने में अपनी असमर्थता जताई है। संकुल प्राचार्य द्वारा भेजे गए पत्र पर महिला शिक्षिका द्वारा दिए गए जवाब को शासकीय नियमों के खिलाफ पाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब पेश करने कहा है। ऐसा न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ करने की चेतावनी भी दी गई है।
दरअसल, गंजीपुरा में स्थित शासकीय कमला नेहरू कन्या उ.मा. शाला की शिक्षिका अभिलाषा पटेल को संकुल प्राचार्य ने 14 सितंबर को पत्र भेजकर एक शाला एक परिसर के तहत ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराने कहा था। 16 सितंबर को महिला शिक्षिका ने अपने जवाब में कहा था कि वो बीआरसी कार्यालय कुंडम में बीएसी (ब्लॉक एकेडमिक कोऑर्डिनेटर) के पद पर कार्य करती रहीं और माध्यमिक शाला के अध्यापन कार्य से भी दूर रहीं।
उनका यह भी कहना था कि चूँकि उन्होंने माध्यमिक शाला में ही अध्यापन कार्य कराया है इसलिए हाई और हायर सेकेण्डरी की कक्षाओं को पढ़ा पाना उनकी परिस्थिति में नहीं है। उनके इस जवाब को देखते हुए संकुल प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की माँग की थी।
हजारों शिक्षक वेतन से वंचित
महीने की 10 तारीख बीतने के बाद भी संभाग के हजारों शिक्षक अब भी वेतन से वंचित हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने संचालनालय को पत्र भेजकर बजट आवंटन की माँग की है। पता चला है कि प्राथमिक शिक्षकों के वेतन मद क्र. 4396 में सरकार द्वारा राशि नहीं भेजी गई, जिससे वह खाली है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेन्द्र दुबे ने कहा है कि अधिकांश शिक्षकों ने लोन ले रखा है, जिसकी किश्त हर माह की दस तारीख तक आती है। किश्त न चुकाए जाने पर संभाग के आर्थिक संकट झेल रहे हजारों शिक्षकों पर पेनाल्टी लगा दी गई, जो अनुचित है।
स्कूलों के वार्षिक अनुदान की दरें तय हुईं
लोक शिक्षण संचालनालय के समग्र शिक्षा अभियान द्वारा स्कूलों को दिए जाने वाले वार्षिक अनुदान की दरें तय की गई हैं। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 15 है, उन्हें साढ़े 12 हजार, 16 से 100 संख्या वाले स्कूलों को 25 हजार, 101 से 250 वालों को 50 हजार, 251 से 1000 वालों को 75 हजार और एक हजार से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को अब एक लाख रुपए दिए जाएँगे।पी-2
ई-कंटेंट से दूर होंगी ऑनलाइन क्लास की समस्याएँ
1 अक्टूबर से शुरू हुईं ऑनलाइन क्लासों में छात्रों को आ रहीं समस्याओं को ई-कंटेंट से दूर किया जाएगा। शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय ने भी दूरदर्शन के अलावा विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध ई-कंटेंट पर ऑडियो- वीडियो व्याख्यान के साथ ई-पीजी पाठशाला, स्वयंप्रभा, यूजी-पीजी मुक्स, ई-शोध सिंधु आदि पर छात्रों के लिए अध्ययन कार्य के इंतजाम किए हैं।पी-3
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