तीन साल में सिटी सेंटर से महाराजपुरा पर शिफ्ट हाे सकेगी डीआरडीओ लैब

सिटी सेंटर क्षेत्र से डीआरडीओ की लैब को शिफ्ट किए जाने के लिए महाराजपुरा पर प्रशासन द्वारा डीआरडीओ प्रबंधन को जमीन अगले सप्ताह तक दे दी जाएगी। उसके बाद डीआरडीओ प्रबंधन वहां काम शुरू कराएगा और सिटी सेंटर स्थित मौजूदा लैब परिसर से प्रतिबंध का दायरा भी कम होगा। डीआरडीओ प्रबंधन ने 2023 तक लैब को सिटी सेंटर से महाराजपुरा पर शिफ्ट करने की प्लानिंग की है।

फिलहाल डीआरडीओ को जमीन मिलने के साथ ही 200 मीटर का प्रतिबंधित दायरा घटाकर 50 मीटर और लैब शिफ्ट होने के बाद 10 मीटर कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर दो चरणों में डीआरडीओ के आसपास बनी 122 सरकारी व निजी संपत्तियां कार्रवाई के दायरे से बाहर हो जाएंगी और करीब 9 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति बच जाएंगी।

मौजूदा लैब और आवासीय परिसर 70 एकड़ में... नई लैब तैयार होगी 140 एकड़ में

  • सरकार ने डीआरडीओ लैब के लिए महाराजपुरा एयरबेस के सामने की पट्‌टी पर 8 सर्वे नंबरों की 140 एकड़ जमीन आवंटित की है। इसके पास की जमीन पर ही केंद्र सरकार का प्लास्टिक इंस्टीट्यूट तैयार हो रहा है। अब तक की प्लानिंग के अनुसार यहां सिर्फ लैब बनाई जाएगी और सिटी सेंटर स्थित डीआरडीओ कैंपस में आवास और लैब का कुछ हिस्सा रहेगा। सिटी सेंटर कैंपस कुल 70 एकड़ जमीन में बना हुआ है जिसमें रक्षा विहार के आवास भी हैं।
  • सिटी सेंटर स्थित डीआरडीओ कैंपस के आसपास सरकारी व निजी भवनों के निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में राजेश भदौरिया द्वारा याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मार्च 2019 में आदेश दिए कि 200 मीटर के दायरे में बने निर्माण तोड़े जाएं। इस दायरे में 142 सरकारी व निजी बिल्डिंगों के निर्माण आ रहे हैं। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया हुआ है, साथ ही सरकार ने अब लैब को शिफ्ट किए जाने के लिए जमीन आवंटित कर दी है।
  • अगस्त के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार की कैबिनेट से लैब के लिए जमीन आवंटित होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरडीओ प्रबंधन में संपर्क किया था और जमीन पर विधिवत रुप से कब्जा लेने व प्रतिबंध का दायरा कम करने की बात कही। जानकारी के अनुसार अब इस पर सहमति बन चुकी है और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने डीआरडीओ को जमीन दिए जाने के लिए कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर दी है। अगले सप्ताह तक ये जमीन डीआरडीओ को दे दी जाएगी।

आवंटित जमीन अगले सप्ताह तक दी जाएगी
लैब के लिए आवंटित जमीन अगले सप्ताह तक डीआरडीओ को दे दी जाएगी। प्रबंधन से हुई चर्चा के अनुसार लैब 2023 तक शिफ्ट हो जाएगी और इस बीच सिटी सेंटर स्थित उनके परिसर के आसपास 200 मीटर के दायरे को कम किया जाएगा। ताकि वहां की संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे। - किशोर कन्याल, एडीएम



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सिटी सेंटर में स्थित भवन,जो डीआरडीओ के दायरे में है।


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