2 किमी दूर से पानी लाने को मजबूर थे पिता,आरक्षक बेटे ने अकेले कुआं खोद दिया

राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) के मूल निवासी हरिप्रसाद दुबे। राजनांदगांव के कलेक्टर अधीक्षक (राजस्व) पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। अब वे शहर से करीब 15 किमी दूर ग्राम करोली में आश्रम बनाकर नर्मदा परिक्रमावासियों की सेवा कर रहे हैं। इसके लिए जीवनभर की पूंजी लगाकर पुनासा रोड पर आधा एकड़ जमीन खरीदी। इस पर श्री हरिगंगा हजारीधाम आश्रम बनाया। वे परिक्रमावासियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। इस काम में वे अपनी पेंशन भी खर्च कर रहे हैं। आश्रम में पानी की व्यवस्था नहीं होने पर वे दो किमी दूर से वाहन में पानी भरकर लोगों को पिला रहे थे। आरक्षक बेटा प्रसन्न दुबे अाश्रम पहुंचे। पानी की समस्या देख उन्हाेंने खुद कुआं खोदने की ठानी। 8 फीट खोदने के बाद पानी निकल आया। उसे अभी गहरा किया जा रहा है। पानी की समस्या देखकर कुआं खोदने की ठानी। 17 दिसंबर को जन्मदिन के दिन कुआं खुदाई शुरू की। 10 दिन बाद ही पानी निकलने लगा। आगे 15 फीट तक खोदने का प्रयास है ताकि सालभर आश्रम में आने वाले संत-परिक्रमावासियों को पानी मिल सके। रोज 5 से 6 घंटे खुदाई की। इसमें पुलिस ट्रेनिंग काम आई। छुट्‌टी लेकर परिवार के साथ 45 दिन के लिए आया हूं। इस पीरियड में काम पूरा कर लूंगा।
15 किमी दूर परिक्रमावासियों के लिए बनाया आश्रम
6 घंटे रोज पिता-पुत्र कुआं खोदने में करते थे परिश्रम
10 दिन लगातार खुदाई में लगे रहे पिता-पुत्र
8 फीट खोदने के बाद निकला पानी, 15 फीट तक खोदा



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Father was forced to bring water from 2 km away, constable son dug well


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