खड़ी फसलों को खाने और पैर से कुचलने के साथ ही लौट लगाकर ज्यादा नष्ट कर रहे हैं

लगभग 1 माह की रबी की फसल होने से चारों ओर हरा-भरा हो गया है। साथ ही किसानों की मुसीबतें भी बढ़ने लग गई हैं। हरी-भरी फसलों पर नीलगाय का आतंक बढ़ गया है। किसानों की खड़ी फसलों को खाने व पैर से कुचलने के साथ ही लौट कर ज्यादा नष्ट कर रही हैं। सभी किसान शासन-प्रशासन से घोड़ोरोज आतंक से बचाने की गुहार कर रहे हैं।
मलवासा सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 500 से ज्यादा घोड़ोरोज हैं। झुंड के साथ आकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो किसान सक्षम है उन्होंने इनके आतंक से बचने के लिए खेत को चारों ओर तार फेंसिंग कर रखी है, लेकिन अधिकांश किसान इतने सक्षम नहीं है।
कई किसानों ने जिस रास्ते से घोड़ोरोज आता है वहां गड्‌डा कर रखा ताकि वे खेत में नहीं आएं। इसी तरह किसानों द्वारा कई प्रयास करने के बाद भी घोड़ोरोज फसलों को नष्ट कर रहे हैं। जब भी कोई भी प्रतिनिधि क्षेत्र में आता है तो किसान इस समस्या से उन्हें अवगत कराते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

इन क्षेत्रों के किसान हो रहे हैं परेशान, शासन घोड़ारोज पर अंकुश लगाए

रिंगनिया के किसान सरदारसिंह बोडाना, अरविंद पाटीदार, ग्राम हेमती के किसान सोमेर सिंह, जीवनलाल, मलवासा के पवन पाटीदार, विजय पाटीदार, रवि पाटीदार, कैलोरी कला के किसान विरेंद्र सिंह, बाजनखेडा के किसान लालाशंकर पाटीदार ने बताया शासन को जल्द ही घोडारोज नियंत्रण पर प्लान बनाना चाहिए, नसबंदी करके संख्या पर काबू पाना चाहिए, हेमती किसानों ने डर से लालतुवर व मक्का की बोवनी बंद कर दी। किसानों ने घोड़ारोज से छुटकारा दिलवाने की मांग की है।

अधिकारियों से मिलेंगे - भाजपा के पूर्व मंडी उपाध्यक्ष व पूर्व मंडल अध्यक्ष भानुप्रतापसिंह शक्तावत ने बताया घोड़ारोज की समस्या गंभीर है। वे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को नुकसान का आकलन करने के लिए पटवारी को दिखाना चाहिए, ताकि कुछ हद तक मुआवजा किसानों को मिल जाए। स्थाई समाधान के लिए शासन को उपाय के लिए मांग की है, लेकिन अभी कोई प्लान नहीं है। किसानों की समस्या को लेकर उनके साथ मिलकर शासन को ज्ञापन देकर निजात दिलाने की मांग करेंगे।



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By eating standing crops and crushing them on foot, they are destroying more by returning.


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