मटर के भाव हुए कम, किसानों को हो रहा घाटा

पिछले साल से मुकाबले इस साल मटर की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। पिछले साल मटर अच्छे दामों पर बिकी। इस साल मटर की बोवनी का रकबा बढ़ा है। किसानों ने बाजार से मंहगा बीज लेकर बोया, भाव आशानुरूप नहीं मिलने से किसानों में निराशा है।
झरखेडी के अमृत सोलंकी ने बताया मैंने 5 बीघे में मटर की बोवनी की। मटर पककर तैयार हैं, भाव नहीं होने के कारण नहीं तुड़वा रहे हैं। मजदूर भी मंहगा है। मटर 5 रुपए किलो बिकने पर मजदूर की मजदूरी भी नहीं निकलने के कारण तुडवाना उचित नहीं समझा। सरवड़ के मदन भंवर ने बताया मजदूर 200 रुपए एक दिन के लेता है। भाड़ा व अन्य खर्च मिलाकर 300 रुपए में एक मजदूर पड़ता है। एक मजदूर दिनभर में 50 किलो मटर ही तोड़ पाता है। ऐसे में एक कट्टा 50 किलो का रुपए के भाव से 250 रुपए बनते हैं। जबकि मजदूर का खर्च 300 रुपए आता है। 50 रुपए का नुकसान यहां और मटर को भाड़े से मंडी तक पहुंचाने का खर्च अलग लग रहा है। ऐसे में मटर की फसल को ही उखड़वा रहा हूं। वहीं गांव के भेरूसिंह सिसौदिया ने बताया जो भी भाव मिलना है मिल जाएगा। इसलिए सोमवार को 25 मजदूर बुलवाकर मटर तुड़वाई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Pea prices down, losses to farmers


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3rlDTWw

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "मटर के भाव हुए कम, किसानों को हो रहा घाटा"

Post a Comment