बीड़ी, सिगरेट पर रोक फिर भी ब्लैक में बिक रही

जिले में कोरोना मामले आने के बाद दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। केवल राशन, सब्जी, दूध और मेडिकल खोले जा रहे हैं। लोग घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं, ऐसे में मेहगांव में गुटखा तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट की काला बाजारी बड़े स्तर पर हो रही है। गुटखा के डीलर चोरी छिपे गोदामों से माल खेरीज(फुटकर) विक्रेताओं को बेच रहे हैं जो ग्राहकों को 4 से 5 गुना महंगे दामों पर देते हैं। स्थिति यह है कि रोक के बावजूद व्यापरियों का आम दिनों की अपेक्षा लॉकडाउन में मुनाफा दो गुना बढ़ गया है।
पहले तम्बाकू खैनी खाने वालों को 80 से 100 रुपए किलो में मिल जाती थी जो अब ब्लैक में 1 हजार से 1500 रुपए किलो की रेट से मिल रही है। राजश्री का 185 वाला पैकेट 900 से 1000 तक यानी 20 रुपए की पुड़िया 80 से 100 रुपए में मिल रही है। ऐसे ही 5 रुपये की सिगरेट 20 और 10 रुपए का बिंडल 40 रुपए में बेचा जा रहा है। हालत यह है कि इतने अधिक दामों में मिलने के बाद भी लोगों को तमाम सिफारिशें लगानी पड़ती हैं। तब उन्हें गुटखा, बीड़ी मिल पा रही हैं।

लोग नहीं मान रहे

दुकानदार और डीलरों को दोष देने के साथ ही गुटख, बीड़ी, तम्बाकू के तलबगार भी कम नहीं हैं। वह अपनी आदतों से समझौता करने की वजह तलब बुझाने के लिए कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। अधिकांश व्यापारियों ने केवल नगर ही नहीं पूरे जिले में अपने घरों में धूम्रपान की सामग्री रखवा ली है। यहीं से वह माल की सेल करते हैं, इसकी खबर प्रशासन को भी नहीं रहती है। दुकानदार ऊंचे दामों में माल देता है क्यों कि उसके पास यह बहाना है कि ऊपर से माल नहीं आ रहा है।
पुराना स्टॉक खत्म हुआ
मेहगांव, मौ, गोहद, गोरमी, भिंड, लहार आदि शहर व ग्रामीण अंचल में दुकानदारों के पास पान मसाला का पुराना स्टॉक खत्म हो गया है। रात में चोरी छिपे यूपी और ग्वालियर से जिले में धूम्रपान की सामग्री लायी जा रही है। ऐसे में प्रशासन का यह दायित्व बनता है कि वह गुटखा चबाने वालों पर जुर्माना वसूलने के साथ आने वाले माल की खेप को पकड़ कर कार्रवाई करें। साथ ही बड़े डीलरों के यहां गोदाम व घर पर छापामार कार्रवाई को बखूबी अंजाम दिया जाए।

पाबंदी, फिर भी बेच रहे:पान मसाला खाने और बेचने दोनों पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। मगर मेहगांव में पुलिस प्रशासन की मदद से व्यापारी आसानी से इनका विक्रय कर रहे हैं। मेहगांव में ब्रजमोहन राठौर, बलवीर राठौर, लोकेंद्र जैन पान मसाला के बड़े डीलर हैं जो खैरिज विक्रेता को सीधे माल देते हैं। आम व्यक्ति अगर लेने जाता है तो इनके पास माल नहीं रहता है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब धूम्रपान की सामग्री बेचने पर रोक लगी है तो इसका आयात कैसे किया जा रहा है। खैर इन मामले में प्रशासन के अधिकारी सीधे कह देते हैं कि अगर कहीं कोई बेच रहा है तो सूचना दें, हम कार्रवाई करेंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Bidi, cigarette ban still sold in black


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3dLR77I

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "बीड़ी, सिगरेट पर रोक फिर भी ब्लैक में बिक रही"

Post a Comment