हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी को पकड़ने वाले सेना के जवान संजय के घर से स्कूल तक की कहानी

(नितिन राजावत)हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करने वाले मोस्ट वांटेड आतंकी तनवीर अहमद को भारतीय सेना ने मंगलवार को जिंदा पकड़ लिया। उत्तरी कश्मीर में कार्रवाई करने वाली भारती सेना के दल में शाजापुर के संजय गुर्जर भी शामिल थे।
संजय ने कक्षा 9 से ही फौज ज्वाइन करने की ठान ली थी। इसके लिए उसने पढ़ाई के दौरान कबड्डी और एथलेटिक्स को आधार बनाकर सेना में भर्ती होने का रास्ता बना लिया। मंगलवार को जैसे ही उसके साहस की कहानी सामने आई तो पहले फौज में जाने से मना करने वाले पिता भी कह उठे कि मेरा बैठा शेर है, दुश्मनों को नानी याद दिला देगा।
आतंकी के पकड़े जाने की खबर के साथ संजय के वीरता की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। संजय शाजापुर जिले के लोडाखेड़ी गांव का रहने वाला है। शाजापुर के उत्कृष्ट स्कूल से 2017 में कक्षा 12 पासआउट कर फौज में भर्ती हो गया। स्कूल के शिक्षक बीएस कराड़ा बताते हैं कि संजय शुरू से ही अनुशासित रहा। किसी भी काम को करने की ठान ले तो उसे करके ही दम लेता था।
हकीकत जानने रात 12 बजे लोड़ाखेड़ी पहुंचा भास्कर

भारती सेना की कार्रवाई में शामिल संजय की आतंकी को घुटनों पर टिकाए एक फोटो सोशल मीडिया पर मंगलवार देर शाम से वायरल होना शुरू हो गई। इस पोस्ट में संजय शाजापुर जिले का बताया जा रहा था। इसकी हकीकत जानने के लिए भास्कर ने पड़ताल शुरू कर दी। कोतवाली टीआई अजीत तिवारी की मदद से भास्कर मंगलवार रात 12 बजे संजय घर शहर से 14 किमी दूर ग्राम लोड़ाखेड़ी पहुंच गया।
खबर सुनते ही सहम गई मां, बोली- कल्लू तो ठीक है
संजय के पिता बाबूलाल गुर्जर और उसकी मां ही घर में अकेली थी। पिता से तो संजय ने फोन पर बात कर ली थी, पर उसने कार्रवाई की कोई भी बात नहीं बताई।भास्कर से अपने बेटे का कारनामा सुनने के बाद मां गीता बाई सहम गईं। उनके पैर भी नहीं हिल पाए और वहीं जमीन पर ही बैठ गई। उनके मुंह से बस यह आवाज निकली की संजय (कल्लू) के तो नी लागी। इधर फौज में जाने से मना करने वाले पिता कह उठे कि मेरा बेटा शेर है, दुश्मनों को नानी याद दिला देगा। संजय के चचेरे भाई नारायणसिंह ने बताया कि छुट्टियों में गांव लौटने के बाद भी वह घर पर भी चैन से नहीं रहता। गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित
करने के साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी देता रहता है। नारायणसिंह ने बताया कि गांव में गुर्जर समाज के एक अन्य युवा राकेश गुर्जर भी फौज में शामिल है।

संजय से रात को फोन पर बात करते माता-पिता।


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आतंकी अतीक अहमद को घुटनों पर टिकाते हुए संजय गुर्जर(बाएं से दूसरे)।


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