कोरोना निगेटिव के अंतिम संस्कार के बाद रिहायशी इलाके के पास जला दी पीपीई किट, हवा में उड़े टुकड़े

मेडिकल कॉलेज में रविवार को आलोट के बुजुर्ग की मौत हो गई। कोरोना प्रोटोकॉल में ही अंतिम संस्कार किया गया। इधर, अंतिम संस्कार करने आए कर्मचारियों ने लापरवाहीपूर्वक पीपीई किट को जलाया। ऐसा ही मामला 11 जून को सामने आया था, जब जावरा की महिला की मौत पर कर्मचारियों ने चिता में ही किट जलाई थी तब प्रबंधन ने कर्मचारियों को माफ कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 11.30 बजे अंतिम संस्कार के बाद कर्मचारी इधर-उधर किट फेंकने लगे। इसे देख मुक्तिधाम में दाह संस्कार की क्रिया करवाने वाले प्रेम मंडला ने कहा कि ये क्या कर रहे हो। एक जगह इकट्ठा करो, तो कर्मचारी किट लेकर बाहर चले गए।
पीपीई किट जलाई तो रहवासी आ गए, कर्मचारी को रोका तो जवाब नहीं दिया, रहवासियों ने भी किया विरोध
करीब 11.40 बजे कर्मचारी श्मशान के एक तरफ रिहायशी इलाके के पास किट जलाने लगे। प्रत्यक्षदर्शी पं. संजय दवे ने बताया व्यक्ति टोपी को जलाना भूल गया था। याद आया तो... हीरो की स्टाइल में टोपी को उछालकर फेंक दिया। हमने युवक को रोका तो टोपी उठाई और भाग गया। किट आधी जलकर बुझ गई। प्रत्यक्षदर्शी संजय दवे ने बताया शाम 4 बजे तक अधजली किट ऐसे ही श्मशान के पास पड़ी रही। इसके टुकड़े यहां-वहां उड़ने लगे। कर्मचारियों की ये दूसरी गलती है, क्योंकि 11 जून को जब चिता में किट जला दी थी, तब अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझाइश देकर छोड़ दिया था।
कब मौत हुई, लिखा ही नहीं
इधर, मौत के बाद मेडिकल कॉलेज से परिजनों को एक पर्चा दे दिया। इस पर्चे में ये नहीं लिखा गया कि कब मरीज की मौत हुई थी, कब उन्हें भर्ती किया गया था।
^मामला अभी मेरी जानकारी में नहीं आया है। बॉयो मेडिकल वेस्ट के तौर पर निष्पादन होना चाहिए। समझाइश देंगे। - डॉ. प्रमोद प्रजापति, नोडल अधिकारी कोविड-19
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