षटकर्म शुद्धिकरण क्रियाएं शरीर को भीतर से स्वच्छ करने का उम्दा योगाभ्यास: डॉ. श्रीवास्तव

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ राघौगढ़ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई शासकीय कन्या महाविद्यालय चांचौड़ा-बीनागंज के सयुंक्त तत्वावधान में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जानकारी देने के लिए यौगिक षटकर्म एवं पंचकर्म का प्रशिक्षण का आयोजन किया।
क्षेत्रीय विधायक लक्ष्मण सिंह ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम आरंभ किया। दोनों कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. डीके गौतम, विनोद छारी उपस्थित रहे। संचालन प्रो. आरसी घावरी प्रशिक्षित कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. एसके श्रीवास्तव, संध्या श्रीवास्तव परियोजना अधिकारी क्षेत्रीय सहकारी शिक्षा परियोजना, बीएमओ डॉ. टिंकू वर्मा, डॉ. अमित जायसवाल रहे। प्रशिक्षण में अपने उद्वोधन में विधायक श्री सिंह कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी से बचाव करने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है सामाजिक दूरी बनाकर रखना है, घर से बाहर निकलने पर आवश्यक रूप से मास्क लगाए। मैंने देखा कि एनएसएस छात्रों ने प्रशिक्षण को ध्यानपूर्वक सुना व समझा है। छात्रों का पूरा ध्यान विशेष विशेषज्ञ की ओर था जो षट कर्म क्रियाओं को सीखने के लिए जरूरी भी है।
प्रशिक्षण के पूर्व छात्रों को फॉगिग मशीन द्वारा सैनिटाइज किया तत्पश्चात प्रशिक्षण कक्ष में बैठाया गया साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से पालन किया गया।
षट्कर्म क्रियाएं शरीर की क्षमताएं बढ़ाने में सहायक: विशेष विशेषज्ञ डॉ. एसके श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि आज कल षट्कर्म या शुद्धि क्रिया योग में चिकित्सा समुदाय की बहुत रुचि जगी है। आधुनिक चिकित्सा शास्त्रियों द्वारा किए गए विभिन्न अध्ययनों से यह बात साबित हो गया है कि विभिन्न रोगों की रोकथाम में षट्कर्म के लाभ होने की बात स्वीकार की है। षट्कर्म क्रियाएं शरीर से विषैले पदार्थ को निकालने में, शरीर की विभिन्न प्रणालियों को सशक्त करने में, उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने में तथा व्यक्ति को विभिन्न रोगों से मुक्त रखने में बड़ी भूमिका निभाती है। आयुर्वेद में ‘कर्म’का अर्थ होता है शोधन जिसे आयुर्वेदिक पद्धति में पंचकर्म चिकित्सा कहते हैं। षट्कर्म में शुद्धिकरण क्रियाएं शरीर को भीतर से स्वच्छ एवं साफ करने और योग साधक को उच्च योग क्रियाएं करने के लिए तैयार करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि षट्कर्म शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए एक उम्दा योगाभ्यास है। जब शरीर शुद्ध होगा तो रासायनिक घटकों का अनुपात संतुलित रहेगा। इससे मस्तिष्क के कामकाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और शरीर तथा मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी। नियमित रूप से नेति क्रिया करने पर कान, नासिका एवं कंठ क्षेत्र से गंदगी निकालने की प्रणाली ठीक से काम करती है तथा यह सर्दी एवं कफ, एलर्जिक राइनिटिस, ज्वर, टॉन्सिलाइटिस आदि दूर करने में सहायक होती है। इससे अवसाद, माइग्रेन, मिर्गी एवं उन्माद में यह लाभदायक होती है।
बीएमओ डॉ टिंकू वर्मा ने प्रशिक्षण में बताया कि कोरोना रूपी वायरस से कोविड 19 बीमारी होती है, मास्क,सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों को बार-बार धोना ही इसका बचाव है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Shatkarma purification actions: Great yoga practice to cleanse the body from within: Dr. Srivastava


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34fik0R

Share this

0 Comment to "षटकर्म शुद्धिकरण क्रियाएं शरीर को भीतर से स्वच्छ करने का उम्दा योगाभ्यास: डॉ. श्रीवास्तव"

Post a Comment