भोपाल ने रोकी किट ट्रू नॉट मशीन से कोरोना जांच बंद

ये लापरवाही देखिए...कोरोना संक्रमण काल में जांच के लिए माधवनगर हॉस्पिटल में शुरू की गई ट्रू नॉट मशीन से 3 दिन तक जांच नहीं हो पाई क्योंकि जांच किट उपलब्ध नहीं थी। भोपाल से वीएलएम किट रोक दी। ऐसे में मरीजों की कोरोना जांच नहीं हो पाई। बताया जाता है कि ट्रू नॉट मशीन से इनवेलिड टेस्ट आ रहे थे, जिसके चलते भोपाल से किट देने से इंकार किया गया।
कोरोना संक्रमण काल में भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मिसमैनेजमेंट का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते जांच की सामग्री नहीं मिल पा रही है और जांच नहीं हो पा रही है। 4 से 6 अगस्त तक जांच नहीं होने के बाद शुक्रवार को 300 वीएलएम किट भेजी गई लेकिन कंफर्म टेस्ट की किट केवल 20 ही दी गई है। ऐसे में यदि 50 मरीज पॉजिटिव पाए जाते हैं तो केवल 20 के ही कंफर्म टेस्ट लगाए जा सकेंगे और बाकी 30 के टेस्ट नहीं लग पाएंगे यानि मरीज कंफर्म रूप से पॉजिटिव है या नहीं यह पता नहीं लग पाएगा। कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में जांच के लिए दो मशीनें लगाई जानी थी लेकिन स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से केवल एक ही मशीन लग पाई है। उसके लिए भी पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं है ऐसे में जांच प्रभावित हो रही है। आशंका जताई जा रही है कि निजी मेडिकल कॉलेज को लाभ पहुंचाने के लिए भोपाल स्तर से ही कीट कम दी जा रही है ताकि मजबूरीवश मेडिकल कॉलेज में ही जांच करवाना पड़े। मामले में सीएमएचओ डॉ महावीर खंडेलवाल से कई बार संपर्क किया गया लेकिन वे जवाबदेही से बचते रहे।

डॉक्टर के लिखे पर्चे पर ही मिलेगी सर्दी-खांसी और बुखार की दवाई

मरीज सर्दी-खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की दवाई मेडिकल से सीधे नहीं ले सकते हैं। उन्हें पहले डॉक्टर को दिखाना होगा। मेडिकल पर डॉक्टर का पर्चा दिखाने पर ही उन्हें दवाइयां मिल सकेगी। मेडिकल संचालक मरीज का नाम- पता, मोबाइल नंबर, डॉक्टर का नाम और मरीज को दी गई दवाइयों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इससे यह डाटा उपलब्ध हो पा रहा है कि सर्दी- खांसी,बुखार व सांस लेने की तकलीफ के कितने मरीज आ रहे हैं। साथ ही सस्पेक्टेड मरीजों के बारे में भी पता चल रहा है। ऐसे में मरीज को कोई तकलीफ होने पर पहले डॉक्टर को ही दिखाना पड़ेगा। उनके द्वारा पर्चे पर लिखी दवाई मेडिकल से मिल पाएगी। दूसरी तरफ अन्य मरीजों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है क्योंकि पेट दर्द आदि बीमारियों में पेरासिटामोल का कांबिनेशन होता है। इस वजह से उन्हें दवाइयां नहीं मिल पा रही है। प्राइवेट डॉक्टर सर्दी-खांसी बुखार और सांस की तकलीफ के मरीजों के इलाज से बच रहे हैं। ऐसे में मरीजों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है।



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