जबलपुर की तरफ सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं, ऐसा ही रहा तो हमें देने होंगे आदेश

सीवर लाइन को लेकर दायर दो मामलों पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सोमवार को कड़ा रुख अपनाया। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा- ‘इस शहर की तरफ सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।
यदि ऐसा ही चलता रहा तो फिर हमें सख्त आदेश जारी करने पड़ेंगे।’ इन टिप्पणियों के साथ युगलपीठ ने मामलों पर अगली सुनवाई 1 सितंबर को निर्धारित की है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के रूप में अधिवक्ता अनूप नायर, याचिकाकर्ता सौरभ शर्मा की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी व राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा हाजिर हुए। इसी तरह शहर में गंदगी के कारण फैल रहीं संक्रामक बीमारियों के मामले में युगलपीठ ने सरकार को फोटोग्राफ्स के साथ ताजी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। सौरभ शर्मा की ओर से वर्ष 2018 में दायर जनहित याचिका पर हुए सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा हाजिर हुए।
डुमना में टाइगर सफारी बनाने को चुनौती, नोटिस जारी
डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी की स्थापना को चुनौती देने वाली 3 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी किए हैं। चीफ चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने इन मामलों पर 7 अक्टूबर को आगे सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। एक याचिका फील्ड नेचुरलिस्ट जगत जोत सिंह फ्लोरा व अन्य, दूसरी याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच और तीसरी याचिका रिटायर्ड कर्नल एके रामनाथन व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि डुमना की बजाय टाइगर सफारी की स्थापना संग्राम सागर में किया जाना मास्टर प्लान की मंशा के मुताबिक होगा।
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