मेंटेनेंस व सफाई के दावे खोखले, पोल और ट्रांसफॉर्मर में छाई हरियाली

बिजली अधिकारी साल भर मेंटेनेंस और विद्युत पोल के समीप से टहनियों को अलग करने का अभियान चलाते हैं मगर शहर के अधिकांश क्षेत्रों में झाड़ियों और बेलों की आड़ में विद्युत पोल से लेकर ट्रांसफॉर्मर तक छिपे नजर आ रहे हैं। इसका खामियाजा उस क्षेत्र के लाइन स्टाफ को उठाना पड़ रहा है जो फॉल्ट सुधार में असुविधा महसूस कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को भी पेड़ों से करंट फैलने का खतरा बना रहता है। सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति खराब है। यहाँ बेल वाले पौधों की पूरी बेल ही विद्युत पोल पर नजर आती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो अधिकांश घरों और खेतों के सामने विद्युत पोल व ट्रांसफॉर्मर हरियाली से ढँके नजर आ रहे हैं। यही हाल शहरी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। व्हीकल फैक्टरी क्षेत्र के अलावा कजरवारा, भीटा, तेवर, जीसीएफ, रांझी सहित आसपास के क्षेत्रों में भी ट्रांसफॉर्मर झाड़ियों में छिप गए हैं। कुछ स्थानों पर जहाँ विद्युत पोलों पर मीटर लगे हैं वे भी बेलों में छिप गए हैं, जिससे मीटर रीडिंग तक नहीं हो पा रही है।

टहनियों की छँटाई का चलाया जाता है अभियान
जानकारों की मानें तो साल भर तो बिजली विभाग मेंटेनेंस अभियान चलाते हैं। इस बीच विद्युत लाइनों के समीप से गुजर रहीं टहनियों को अलग करने का अलग से अभियान चलाया जाता है। इस दौरान शायद विद्युत लाइनों के आसपास की टहनियाँ ही काटी जाती हैं। विद्युत पोलों और ट्रांसफॉर्मरों के आसपास सफाई की जाती तो बेल व झाड़ियों से ये उपकरण ढँके नहीं मिलते। जानकारों का कहना है कि मेंटेनेंस और सफाई के नाम पर विद्युत अधिकारी महज औपचारिकता निभा रहे हैं।पी-2



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