कल्याणी-शिवानी के पिता मजदूर, इनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं, सहेलियों की कॉपियों से करती हैं पढ़ाई

यह है कल्याणी और उसकी छोटी बहन शिवानी। पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। काम मिला तो एक दिन के 150 रु. मिल जाते हैं। बेटियों को जैसे-तैसे सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। इनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। ऐसे में दोनों बहनें अपनी सहेलियाें के मोबाइल से तो कभी उनकी कॉपियों से प्रश्नों के उत्तर लिख रही हैं। जिले में ऐसे 70% छात्र-छात्राएं हैं, जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं हैं और वे पढ़ाई छोड़कर मजदूरी व घरों में झाड़ू-पोंछा कर रहे हैं।
जिले में कक्षा 9वीं से 12वीं तक 1 सितंबर से शिक्षण सत्र की ऑनलाइन शुरुआत होने जा रही है। नया सत्र शुरू होने से पहले भास्कर ने कुछ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल व वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पड़ताल की। टीम जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर ग्राम जसवाड़ी के इंदिरा आवास क्षेत्र पहुंची। यहां शासकीय उमावि जसवाड़ी में 12वीं कक्षा की छात्रा कल्याणी व 10वीं में पढ़ने वाली बहन शिवानी घर पर एक कॉपी से दूसरी कॉपी में लिख रही थी। घर के बाहर पिता रामनिवास बैठे थे। दोनों बहनों ने बताया उनके पिता मजदूर हैं। एंड्रॉयड मोबाइल नहीं होने से सहेलियांे की कॉपियाां लाकर ऐसे पढ़ना पड़ रहा है। यहीं पर 9वीं कक्षा की ऊषा व खुशी भी किताबों से ही पढ़ती दिखाई दी। क्षेत्र में 30 छात्र-छात्राएं मिले, जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं थे। बेड़ियांव के चंपानगर में तो विद्यार्थी और भी बुरे हाल में मिले। 10वीं की छात्रा रानी के घर टीवी था न मोबाइल। ऐसे में उसने पढ़ना ही छोड़ दिया। वह बोली- पिता नहीं है, मां मजदूरी करती है, मोबाइल कहां से लाऊं।

9वीं, 12वीं तक के 188 स्कूलों में एक लाख विद्यार्थी दर्ज पर एंडॉयड नहीं
जिले में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 188 स्कूल हैं, जहां लगभग 1 लाख विद्यार्थी दर्ज हैं। इनमें 70 हजार ऐसे हैं, जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं हैं। अभिभावकों में माता, पिता, मामा, चाचा, भाई व रिश्तेदारों के पास है, लेकिन वे इनकी ऑनलाइन पढ़ाई में मदद नहीं कर पा रहे।

जसवाड़ी के स्कूल में 491 विद्यार्थी, 200 के पास मोबाइल नहीं
शासकीय उमावि जसवाड़ी की प्राचार्य संध्या दुबे ने बताया उनके स्कूल मेंकक्षा 9वीं से 12वीं तक 491 विद्यार्थी हैं। जिनमें से 290 विद्यार्थी, अभिभावक व उनके परिचितों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है। 201 ऐसे हैं जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। 100 के घर टीवी, मोबाइल दोनों नहीं है।

डीईओ की तैयारी अधूरी, बोलीं- निर्देश मिले हैं तो पालन करेंगे
1 सितंबर से ऑनलाइन शिक्षा सत्र को लेकर शिक्षा विभाग की कोई तैयारी नहीं है। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी संध्या जाधव ने कहा शासन के निर्देशों का पालन करेंगे, जबकि ब्लाक शिक्षाधिकारी ने कहा जिले में औसतन 50 प्रतिशत के पास ही एंड्रॉयड मोबाइल है। फिर भी हम कोशिश करेंगे कि हर बच्चा इस नई प्रणाली से जुड़ें।



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Kalyani-Shivani's father laborer, he does not have Android mobile, studies with copies of friends


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