घरों में आ रहा मटमैला पानी, संक्रमण का खतरा
सिहोरा की जीवनदायिनी हिरन नदी में बरसाती पानी से आये उफान के बाद भी खितौला एवं सिहोरा के नगरवासियों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि जो नल दिन प्रतिदिन सुबह-शाम आ जाते थे, अब वो 2 दिन से शिफ्ट में आ रहे हैं। इससे नगरवासियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खितौला वार्ड क्रमांक 16 निवासी अभिषेक चौरसिया ने बताया कि जब से बरसात हो रही है, तब से आज तक पानी मटमैला आ रहा है। मजबूरी में लोग यही पानी पी रहे हैं। स्थानीय लोगों को संक्रमण का खतरा है। खितौला वार्ड क्रमांक 18 निवासी निक्की मिश्रा, मनीष पटैल ने बताया कि मुश्किल से 30 मिनट जलापूर्ति की जा रही है। इससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
लोगों ने लगाया लापरवाही का आरोप
नगर के जिन वार्डों में इंटेकवेल से पेयजल आपूर्ति की जाती है, उन क्षेत्रों में नलों से मटमैला पानी आ रहा है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि हिरन नदी के फिल्टर प्लांट में निर्धारित एवं गुणवत्ता युक्त कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता, इससे पानी मटमैला आ रहा है। जानकारों का कहना है कि फिल्टर प्लांट से आपूर्ति के पहले फिटकरी, ब्लीचिंग पाउडर से पानी का शुद्धीकरण करने के बाद रेत के चेंबर बेड से पानी को फिल्टर किया जाता है, लेकिन नगर पालिका द्वारा केवल फिटकरी से पानी को साफ किया जा रहा है। नगरिकों ने स्वच्छ पेयजल आपूर्ति करने की मांग की है।
इनका कहना है
बरसात के चलते लो वोल्टेज की समस्या होने के कारण इंटेकवेल की तीन मोटर जल गई हैं, जिसके चलते जलापूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। पेयजल समस्या वाले वार्डों में टैंकर से आपूर्ति की जा रही है। पानी को शुद्ध करने के लिए कैमिकल की उचित मात्रा का प्रयोग किया जा रहा है।।
श्रीमती जयश्री चौहान, सीएमओ नपा सिहोरा
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