वॉटर प्लस सर्वे, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के भरोसे जो चालू होना मुश्किल, कट जाएंगे 200 अंक

जनवरी में होने वाली 6000 अंकों की सफाई की परीक्षा में से वॉटर प्लस सर्टिफिकेशन के 200 अंक कटना लगभग निश्चित हो गया है। पहली बार हो रहा वॉटर प्लस सर्वे में गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर रियूज करने की व्यवस्था बताना है।
नगर निगम कोई व्यवस्था नहीं बना पाया है। अफसर वाॅटर प्लस सर्वे के लिए पूरी तरह से सीवरेज प्रोजेक्ट में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) के भरोसे बैठ गए हैं। वह भी तब जबकि करमदी रोड एसपीटी का काम लगभग 35 प्रतिशत व खेतलपुर एसपीटी का काम 15 प्रतिशत बाकी है। मशीनरी तो अभी लग ही रही है। उसकी टेस्टिंग होना बाकी है। इतना ही नहीं एसटीपी चालू करने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सर्टिफिकेट भी लेना पड़ेगा। ऐसे में सारा काम तीन माह में होना मुश्किल है।
पहली बार हो रहा वॉटर प्लस सर्वे- 6000 अंक के स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 इस बार तीन भाग में होगा। इसके सर्टिफिकेशन वाले दूसरे भाग में इस बार सरकार ने स्टार रेंकिंग, ओडीएफ डबल प्लस के साथ वॉटर प्लस सर्वे भी जोड़ा है। 1800 अंकों के सर्टिफिकेशन में से गार्बेज फ्री सिटी स्टार रेंकिंग 1100 अंक का होगा। 500 अंक ओडीएफ डबल प्लस के रहेंगे, जबकि वॉटर प्लस सर्वे 200 अंक का होगा। सर्वेक्षण का पहला भाग सर्विस लेवल प्रोग्रेस 2400 अंक, जबकि तीसरा भाग सिटीजन वाइस 1800 अंक का होगा।
स्थान - करमदी रोड, क्षमता -21.5 एमएलडी
स्थिति - अब तक सिर्फ 65 फीसदी ही वर्क हो पाया है। अभी सिविल वर्क चल रहा है। मशीनें लगना शुरू ही हुई हैं। फिनिशिंग का पूरा काम बाकी।
स्थान - खेतलपुर, क्षमता - 16 एमएलडी
स्थिति - अब तक लगभग 85 प्रतिशत वर्क कंपलीट हो चुका है। सिविल वर्क होकर रंगाई-पुताई भी हो चुकी है। मशीनें भी लगभग पूरी लग चुकी, टेस्टिंग व अन्य छोटा-मोटा काम बाकी।
सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दे दिया है
^कोशिश तो यही कर रहे हैं कि दिसंबर तक चालू हो जाए। करमदी रोड वाले एसटीपी में लगने के लिए मशीनें आ गई हैं। खेतलपुर में अभी लग रही है। सर्टिफिकेट के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन भी दे दिया है।
संदीप बाथम, रेसीडेंट इंजीनियर-वेप्कोस, सीवरेज की मॉनिटरिंग कंपनी
^जनवरी में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार वॉटर प्लस भी होगा। सीवरेज प्रोजेक्ट में बन रहे एसटीपी दिसंबर तक चालू हो जाएंगे। ठेकेदार को काम तेजी से करने के लिए कहा है। पिछले साल मेडिकल कॉलेज से अनुबंध किया था, जो चल रहा है।
सुरेशचंद्र व्यास, सिटी इंजीनियर
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