चने की खेती पर बढ़ा किसानों का रुझान, 14 तारीख को होगी उत्पादन आयुक्त की बैठक, बढेगा चने का रकबा

सोयाबीन में भारी नुकसान के बाद अब किसानाें में इस बार बोवनी का ट्रेंड बदलता दिखाई दे रहा है। लगातार दूसरे साल अच्छी बारिश के बाद भी इस साल गेहूं का रकबा घटेगा, जबकि चने की बोवनी का रकबा दाे गुना तक बढ़ेगा। किसानों का मानना है कि चने के दाम अच्छे मिलते हैं। चने में लागत भी कम आती है और प्राकृतिक मार से नुकसान की संभावना भी कम होती है। पिछले साल जिले में 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चने की बोवनी हुई थी, लेकिन इस साल रकबा बढ़ाकर 30 हजार हेक्टेयर हाेने की संभावना है।

यही नहीं पिछले साल जहां गेहूं की बोवनी 3 लाख 8 हजार हेक्टेयर में हुई थी। अच्छी बारिश के बाद किसान हमेशा गेहूं की बोवनी अधिक करते हैं लेकिन इस साल चने का रकबा बढ़ रहा है। उपसंचालक कृषि जितेंद्र सिंह ने बताया कि संभाग की उत्पादन आयुक्त की रबी फसल काे प्लान की बैठक 14 अक्टूबर काे हाेगी। इस बैठक में ही रबी की फसल के लिए लक्ष्य तय हाेगा।

इसलिए चना अपना रहे किसान, क्योंकि तीसरी फसल के रूप में मूंग की बोवनी

खास बात यह है कि इस बार सोयाबीन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसान तीसरी फसल की बोवनी करने का भी मन बना रहा है। किसानों का मानना है कि चने की फसल 2 पानी में ही अच्छी हो जाती है। ऐसे में चने की फसल की कटाई भी जल्दी हो जाएगी। चने की कटाई के बाद वे किसान जहां सिंचाई की व्यवस्था है वे मूंग की बोवनी करेंगे।



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Farmers trend on gram cultivation, production commissioner's meeting to be held on 14th, gram acreage will increase


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