एक कक्षा में बैठ सकते हैं सिर्फ 40 छात्र, फिर भी 15% सीटें बढ़ा दीं; उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान ने नहीं भेजा प्रस्ताव

प्रदेश के अन्य सरकारी कॉलेजों की तरह राज्य शासन ने उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान में भी 15 प्रतिशत सीटें बढ़ा दी हैं। यह कार्रवाई संस्थान में चल रही एडमिशन प्रक्रिया के पूरे हो जाने के बाद की गई है। खास बात यह है कि सीटें बढ़ाने के लिए संस्थान की ओर से शासन को काेई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। इसका असर भविष्य में यहां की शिक्षा की गुणवत्ता पर तो पड़ेगा ही साथ ही आगामी सत्रों में भी सीटें बढ़ाने की परंपरा को जन्म मिलेगा।

डायरेक्टर प्रो. एसएस विजयवर्गीय ने इस बात को स्वीकार किया है कि संस्थान की ओर से कोई शासन को सीट वृद्धि के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया। लेकिन शासन का आदेश पर सीट वृद्धि कर वेटिंग में शामिल स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। नए छात्रों को अवसर नहीं दिया जाएगा।

इस संस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए सीटें तय की गईं थी। यहां के क्लासरूम ऐसे हैं कि जिनमें 40 छात्र-छात्राएं ही एक साथ बैठ सकते हैं। इसलिए अंडर ग्रेजुएशन कोर्स में अधिकतम 40-40 सीट पर ही एडमिशन दिया जाता है। इसके अलावा सभी यूजी स्तर के ऑनर्स कोर्स संचालित होते हैं। ऐसे में एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीटें बढ़ाने की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

अन्य कॉलेजों की तरह नए छात्रों को नहीं देंगे अवसर
एडमिशन प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी अचानक बढ़ी सीट के मामले में डायरेक्टर प्रो. विजयवर्गीय का कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत नए छात्रों को एडमिशन का मौका नहीं दिया जाएगा। यानी जो छात्र किसी कारण से एडमिशन के लिए उत्कृष्टता संस्थान में रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके उन्हें अवसर नहीं मिलेगा। जबकि अन्य सरकारी कॉलेजों में नए छात्रों के लिए खुद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने पोर्टल खोलने की बात कही है।

नहीं भराई सभी कोर्स की पूरी सीटें
बीए, बीएससी व बीकॉम में ऑनर्स कोर्स संचालित किए जाते हैं। इनमें करीब 1190 सीटे हैं। एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी बीएससी इलेक्ट्राॅनिक्स, जियोग्राफी, बीए हिंदी ,फैशन डिजाइन ऐसे कोर्स हैं जहां सभी सीटों पर एडमिशन नहीं हो सका।

ओएसडी बिना सोचे-समझे उच्च स्तर पर रखते हैं प्रस्ताव
प्रोफेसर्स का कहना है कि मप्र में उच्च शिक्षा का एक मात्र शासकीय उत्कृष्ट संस्थान है। इस मामले में सतपुड़ा भवन में बैठे ओएसडी उच्चस्तर पर बिना सोचे समझे प्रस्ताव प्रस्तुत कर देते हैं। जिसका खामियाजा बाद में संबंधितों को उठाना पड़ता है।

एक्सपर्ट कमेंट.. यहां सीट बढ़ाना उचित नहीं
ग्रास एनरोलमेंट रेशो बढ़ाने के लिए अन्य कॉलेजों में सीटें बढ़ाते हैं तो बढाएं, लेकिन इस संस्थान में सीट बढ़ाना उचित नहीं है। यह अन्य कॉलेजों से अलग है। अभी जो नई शिक्षा नीति आई उसमें शिक्षक छात्र अनुपात को पहले की अपेक्षा और मजबूत किया है। अब कम स्टूडेंट्स पर ज्यादा शिक्षक रखने होंगे। इसलिए इंस्टीट्यूट भी सीट बढ़ाने की डिमांड नहीं करेगा, उन्हें मालूम है कि उनका अपना मेमोरेंडम है। वहां पर एडमिशन स्टाफ और सुविधाएं भी नहीं की गई हैं।
डॉ. प्रमिला मैनी, पूर्व डायरेक्टर उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान



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प्रतीकात्मक फोटो


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