त्रिवेणी-चारधाम रोड के लिए जमीन अधिगृहीत होगी, स्मार्ट रोड बनेगा, बिजली, टेलीफोन, पानी की लाइन अंडर ग्राउंड रहेगी

महाकालेश्वर मंदिर और रामघाट पर आने-जाने वाले यात्रियों को सुविधा के लिए त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम मंदिर टंकी तक का रोड 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए इस रोड से लगी .157 हैक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण होगा। जमीन महाकाल मंदिर प्रबंध समिति लेकर देगी। स्मार्ट सिटी कंपनी इसे स्मार्ट रोड बनाएगी। स्मार्ट रोड में बिजली, टेलीफोन, पानी, गैस सभी लाइनें अंडर ग्राउंड होगी। रोड पर स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे जिन पर स्ट्रीट लाइट के अलावा इंटरनेट वाई-फाई सुविधा भी रहेगी।
महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण करने के लिए स्मार्ट सिटी, मंदिर प्रबंध समिति और प्रशासन अनेक योजनाएं ला रहा है। इसी क्रम में त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम के रोड को 24 मीटर चौड़ा करने की तैयारी हो चुकी है। शनिवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में इस योजना पर मुहर लगा दी गई। बैठक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने को लेकर बुलाई गई थी। बैठक में मंदिर समिति के बजट पर चर्चा नहीं हो सकी। इसे अगली बैठक में रखने को कहा गया।
पार्किंग और अन्य सुविधाएं
इसी रोड पर संग्रहालय के सामने स्मार्ट सिटी का मल्टीलेवल पार्किंग बनाया जाना है। इस जमीन के दूसरे हिस्से पर अन्नक्षेत्र, धर्मशाला व प्रवचनधाम निर्माण और अन्य उपयोग भी होगा। मंदिर के आसपास की दुकानों को भी हटाया जाएगा तथा उपयुक्त स्थान पर नई 80 दुकानें बनाई जाएंगी। इसके लिए भी स्थान तय किया जाएगा। आसपास से निर्माण हट जाने से परिसर का विस्तार होगा।
विकास कार्यों का ब्रोशर मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की
सुविधा के लिए गेस्ट हाउस, अतिथि निवास और अन्य विकास योजनाओं का ब्रोशर बनाया जाएगा। इस ब्रोशर को दानदाताओं को भेज कर उनसे निर्माण कार्यों में दान लिया जाएगा। इस तरह का एक प्रस्ताव सीमेंट कंपनी की ओर से दिया गया है, जिसे समिति मंजूर कर चुकी है। इसी तरह अन्य बड़े दानदाताओं से संपर्क किया जाएगा।
एएसआई दल आज आएगा
ऑर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम रविवार को मंदिर आएगी। शिवलिंग क्षरण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की जांच होगी। एएसआई और जीएसआई पहले भी दो बार मंदिर में जांच कर चुकी है। नागचंद्रेश्वर मंदिर पर भार कम करने का सुझाव दिया था। इसके बाद केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों ने मंदिर के स्ट्रक्चर की दो बार जांच की है।
क्षरण से बचाव : भस्म की जांच जबलपुर में
- सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग क्षरण की रोकथाम के लिए भस्म आरती में उपयोग होने वाली भस्म की जांच के लिए सैंपल जबलपुर प्रयोगशाला में भेजे हैं।
- कोर्ट ने शिवलिंग पर शुद्ध दूध चढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मंदिर समिति ने इसके लिए उज्जैन दुग्ध संघ से संपर्क किया है। दुग्ध संघ मंदिर समिति को गाय का दूध उपलब्ध कराएगा। अभी मंदिर में पूजन सामग्री लाने पर रोक के कारण केवल श्रद्धालुओं के दूध लाने पर रोक है। अनुमति मिलने पर समिति शुद्ध दूध उपलब्ध कराएगी।
- शिवलिंग पर पंचामृत केवल पारंपरिक पूजा में ही चढ़ाया जा रहा है। पुजारी-पुरोहितों को भी शिवलिंग पर पंचामृत नहीं रगड़ने के निर्देश दिए हैं।
- गर्भगृह में पूजा-अर्चना की 24 घंटे रिकार्डिंग की जाना है और उसे 6 महीने तक सुरक्षित रखना है। इसके लिए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को पत्र लिखा है।
- मुंडमाला व सर्प कर्ण का वजन पहले आधा किया जा चुका है। अब समिति विचार कर रही है कि इससे शिवलिंग के क्षरण को अौर कैसे रोका जाए।
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